केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में 2021-22 के लिए आम बजट पेश किया. बजट पेश होने से पहले आम लोगों को इनकम टैक्स को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीदें थीं, लेकिन बजट पेश होने के बाद लोगों को निराशा हाथ लगी. सरकार ने इनकम टैक्स में छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया. सरकार ने टैक्स स्लैब को जस का तस रहने दिया है, कोई बदलाव नहीं किया है. बजट के बाद कई प्रतिक्रिया भी आयी कि मोदी सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में कोई राहत नहीं दी है. वित्त मंत्री ने अपन बजट में भले ही टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन बजट में टैक्स को लेकर पांच बड़ी घोषणा भी हुई है.
1. वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न भरने से राहत
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी.
2. आयकर आकलन पुन: खोलने के लिए समय सीमा घटाकर आधी की गयी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी. उन्होंने कहा कि आकलन संबंधी मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर करदाताओं के मन में बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी समय सीमा पहले की छह साल से कम कर तीन साल होगी.
3. करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी
बजट प्रस्ताव के अनुसार 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वाले छोटे करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि 1.10 लाख करदाताओं ने कर विवादों के हल के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाया है.
4. फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल की शुरुआत
बजट में ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल’ शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है. इसके तहत एक नेशनल इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल सेंटर बनाया जा रहा है. सारा कम्युनिकेशन डिजिटल तरीके से होगा.
5. कर ऑडिट छूट की सीमा 10 करोड़ रुपये किया गया
डिजिटल तरीके से अपना ज्यादातर काम करने वाली कंपनियों के लिये कर ऑडिट छूट की सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर दोगुना कर 10 करोड़ रुपये किया गया.