पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) के नतीजों के बाद हुई हिंसा (Post Poll Violence) की जांच सीबीआई करेगी. गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए हिंसा, रेप और हत्या की जांच का जिम्मा सीबीआई (CBI Investigation) को दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta Highcourt) ने एसआईटी के गठन के निर्देश भी दिए हैं, जिसमें बंगाल पुलिस के सीनियर अधिकारियों को शामिल करने को कहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ममता सरकार से सवाल किया है. उन्होंने कहा हाईकोर्ट के फैसले के बाद ममता सरकार की पोल खुल गुई है.
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2 मई को बंगाल चुनाव के नतीजों के निकलने के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी की टीएमसी के कार्यकर्ता उनकी पार्टी के समर्थकों पर हमले कर रहे हैं. हालात ऐसे हुए कि एक लाख से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़कर असम के शरणार्थी शिविर में जाना पड़ा. हिंसा को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी कई इलाकों का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने असम में जान बचाकर भागने वालों से मुलाकात भी की थी. बीजेपी का आरोप है टीएमसी के हिंसा मॉडल से 100 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई.
Calcutta High Court orders a court-monitored CBI probe into the incidents of post-poll violence in West Bengal pic.twitter.com/QmSQBQRjgA
— ANI (@ANI) August 19, 2021
हम कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. लोकतंत्र में सभी को अपनी बातों को कहने का अधिकार है. लेकिन, किसी को हिंसा फैलाने का अधिकार नहीं है. लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.
अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री
बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद हुई हिंसा पर खूब बयानबाजी भी हुई है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था और अपनी रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी थी. उस रिपोर्ट में भी हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर सवाल खड़े किए गए थे. हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने 3 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोजन ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिंसा के आरोपों की सत्यता की जांच के लिए एक पैनल का भी गठन किया था.
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मुझे कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से खुशी नहीं हुई है. किसी भी राज्य की कानून-व्यवस्था का जिम्मा वहां की सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है. अगर सीबीआई राज्य में जांच करती है तो यह बंगाल सरकार के अधिकारों का उल्लंघन होगा. मुझे उम्मीद है कि अगर जरुरत पड़ी तो राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में मामले को लेकर जा सकती है.
सौगत रॉय, टीएमसी
बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई से कराने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बयान दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में ममता सरकार की देखरेख में चुनावी नतीजों के बाद हिंसा को अंजाम दिया गया है. कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले ने ममता बनर्जी सरकार की पोल खोल दी है. हम हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं. बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर अपनी बातों को रखा है. दिलीप घोष ने कहा है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद पीड़ितों को न्याय मिलेगा. बंगाल में 180 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष की कार पर हमले किए गए. अब, अदालत के फैसले से उम्मीद जगी है.