पंजाब की राजनीति में अब एक नयी धार आ रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नयी पार्टी बनायेंगे. इस ऐलान के साथ- साथ चर्चा तेज है कि अमरिंदर की नयी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करेगी. अगर किसान आंदोलन का समाधान उनके हित में हो जाता है तो पंजाब में भाजपा के साथ समझौते को लेकर भी वे विचार करेंगे.
अब सवाल है कि पार्टी भाजपा के अलावा किन दलों के साथ गठबंधन कर सकती है, तो इसे लेकर अमरिंदर सिंह ने पहले ही संकेत दे दिये हैं कि वह उन सभी पार्टियों के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं जो उनकी विचारधारा और रणनीति के तहत काम कर रही है. इसमें अकाली दल से अलग होकर बनी छोटी पार्टियां भी शामिल हैं. अमरिंदर सिंह नाराज नेताओं को भी अपने साथ लाने में लगे हैं जिससे पार्टी को और मजबूत बनाया जा सके.
पंजाब कांग्रेस में आयी राजनीतिक उठापटक के बीच चर्चा तेज थी कि अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ जा सकते हैं. पिछले महीने गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई अमरिंदर की मुलाकात ने इस राजनीतिक कयासों को और हवा दे दी थी हालांकि भाजपा के साथ जाने के सवाल पर अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट कहा था कि वह भाजपा में नहीं जा रहा है. इस मुलाकात को उन्होंने किसानों के साथ जोड़ते हुए कहा था कि यह मुलाकात किसानों के हित के लिए थी.
अमरिंदर सिंह की नयी पार्टी के साथ ही पंजाब की राजनीति में एक नयी धार देखने को मिलेगी. इस नयी पार्टी की केंद्र में किसानों को रखा गया है. अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल के ऐलान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी की रणनीति क्या होगी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘जल्द ही पंजाब और उसके लोगों के हितों की सेवा करने के लिए अपनी खुद की पार्टी का ऐलान करेंगे. इन लोगों में हमारे किसान भी शामिल हैं जो करीब एक साल से अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘अगर किसानों के हित में किसान आंदोलन का समाधान हो जाता है तो 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा के सीटों के समझौते की संभावना है. इसके अलावा अकाली समूहों से अलग हुए दलों सहित समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने का भी विचार करेंगे.
ध्यान रहे कि भाजपा पंजाब में खुद को मजबूत करने की कोशिश में लगी है. ऐसे में अमरिंदर सिंह का साथ भाजपा के लिए बड़ी सफलता के रूप में देखी जा रही है. अगर अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ गठबंधन करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी पंजाब में खुद को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेगी.
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79 वर्षीय अमरिंदर सिंह पिछले चार दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस के साथ थे. अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू में काफी टकराव रहा. सिद्धू को जब पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो टकराव और बढ़ा. अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया है.