CBI ने अपने नवीनतम आरोप में कहा है कि भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी ने 2016 में भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) लिमिटेड, एक सरकारी संस्था से ऋण प्राप्त करने के लिए कम गुणवत्ता वाले प्रयोगशाला से तैयार हीरे और रत्न को कीमती बता उसका ओवर वेल्यूएशन करवाया और करोड़ों का लोन लिया. सीबीआई ने कहा कि जड़े हुए आभूषण, जो इस ऋण को प्राप्त करने के लिए गिरवी रखे गए थे, पहले से ही चोकसी की एक कंपनी द्वारा लिए गए एक अन्य कॉर्पोरेट ऋण के लिए गिरवी रखे गए थे.
चोकसी के खिलाफ ताजा मामला सीबीआई ने पिछले साल 30 अप्रैल को उठाया था, जो आईएफसीआई लिमिटेड से उसकी कंपनी के शेयरों के साथ-साथ सोने और हीरे के आभूषणों को गिरवी रखकर लिए गए 25 करोड़ रुपये के ऋण से संबंधित है. उनके अलावा, उनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड और वैल्यूअर्स सूरजमल लल्लू भाई एंड कंपनी, नरेंद्र झावेरी, प्रदीप सी शाह और श्रेनिक शाह को मामले में नामजद किया गया है.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चोकसी की मिलीभगत से चार अलग-अलग मूल्यांकनकर्ताओं ने ₹34 करोड़ से लेकर ₹45 करोड़ तक का बढ़ा हुआ मूल्यांकन प्रस्तुत किया, जिसके आधार पर IFCI ने 30 सितंबर, 2016 को गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के खाते में ₹25 करोड़ का ऋण वितरित किया.
चार्जशीट में कहा गया है कि उसी दिन, पूरी ऋण राशि “चोकसी द्वारा नियंत्रित एक साझेदारी फर्म प्रीमियर इंटरट्रेड को दी गई”. गीतांजलि जेम्स द्वारा ऋण चुकाने में विफल होने के बाद, IFCI ने दो मूल्यांककों के माध्यम से किए गए 896 गहनों का एक नया मूल्यांकन किया, जिन्होंने आभूषणों का मूल्य क्रमशः ₹2.03 करोड़ और ₹70.33 लाख बताया, जो घोषित किए गए मूल्य से लगभग 98% कम था.
सीबीआई ने बताया कि, ” हीरे और माणिक (रंगीन पत्थर) की घटिया गुणवत्ता के कारण आभूषणों के मूल्य में कमी आई है.” सीबीआई ने कहा, “वैल्यूअर्स ने यह भी देखा कि हीरे कम गुणवत्ता वाले लैब तैयार रासायनिक वाष्प हीरे और अन्य घटिया रंग के पत्थर हैं और असली रत्न नहीं हैं।”
भारत सरकार ने इंटरपोल की वांछित सूची से चोकसी का नाम हटाने का “जोरदार विरोध” किया, लेकिन वैश्विक पुलिस निकाय आश्वस्त नहीं हुई, मेहुल चोकसी ने आरोप लगाया था कि, भारतीय एजेंसियों ने उसका अपहरण करने का प्रयास किया था.आपको बताएं की कारोबारी मेहुल चोकसी 2 अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में भारत द्वारा वांछित है.