Exit Polls: एग्जिट पोल से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, एग्जिट पोल और उससे जुड़ी उम्मीदों के कारण बड़ी गड़बड़ी पैदा हो रही है. यह प्रेस, खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए विचार-विमर्श और आत्मनिरीक्षण का विषय है. पिछले कुछ चुनावों में, अगर हम पूरे कैनवास को एक साथ देखें तो 2-3 चीजें एक साथ हो रही हैं. सबसे पहले, एग्जिट पोल आता है – हम इसे नियंत्रित नहीं करते. लेकिन आत्मनिरीक्षण की जरूरत है, कि सैंपल साइज क्या था, सर्वे कहां किया गया, परिणाम कैसे आया और अगर मैं उस परिणाम से मेल नहीं खाता तो मेरी क्या जिम्मेदारी है, क्या कोई खुलासा हुआ है – इन सभी को देखने की जरूरत है.
एग्जिट पोल करने वाली संस्थाओं को आत्मनिरीक्षण की जरूरत
चुनाव आयुक्त ने कहा, मुझे यकीन है कि समय आ गया है कि एसोसिएशन/संस्थाएं जो इसे नियंत्रित करती हैं, वे कुछ आत्म-नियमन करेंगी. मतगणना चुनाव समाप्त होने के लगभग तीसरे दिन होती है. शाम 6 बजे से उम्मीदें बढ़ जाती हैं. लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.
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पहली गिनती सुबह 8.30 बजे शुरू होती है और परिणाम सुबह 8.05-8.10 बजे आने लगते हैं, बकवास
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, जब मतगणना शुरू होती है, तो परिणाम सुबह 8.05-8.10 बजे आने लगते हैं. बकवास. ईवीएम की पहली गिनती सुबह 8.30 बजे शुरू होती है. क्या शुरुआती रुझान एग्जिट पोल को सही ठहराते हैं? हम सुबह 9.30 बजे वेबसाइट पर नतीजे डालना शुरू करते हैं. इसलिए, जब वास्तविक नतीजे आने शुरू होते हैं, तो उनमें अंतर होता है. यह अंतर कभी-कभी गंभीर मुद्दों को जन्म दे सकता है. उम्मीदों और उपलब्धियों के बीच का अंतर निराशा के अलावा और कुछ नहीं है. इसलिए, यह ऐसा मुद्दा है जिस पर कुछ विचार-विमर्श की आवश्यकता है.