CG Election Results 2023|छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वर्ष 2018 में हुई अपनी हार का बदला भूपेश बघेल की सरकार को पराजित करके ले लिया है. भाजपा ने पिछले चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए इस बार शानदार प्रदर्शन किया है. पार्टी को इस बार 39 सीटों का फायदा हुआ और उसने कुल 54 सीटें जीत लीं हैं. अब सवाल है कि भूपेश बघेल का क्या होगा? बता दें कि भूपेश बघेल पर कई आरोप लगे हैं. ऑनलाइन महादेव सट्टा ऐप के मालिकों से पैसे लेने के आरोप उन पर भाजपा लगाती रही है, तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके और उनके कई करीबी लोगों के यहां छापेमारी भी की है. भूपेश बघेल और कांग्रेस दोनों ने एक सुर में कहा था कि ईडी की छापेमारी उनको नीचा दिखाने के लिए करवाई जा रही है. भाजपा पर ईडी का दुरुपयोग करने के भी आरोप कांग्रेस ने लगाए थे. कांग्रेस और भूपेश बघेल का दावा था कि उनके पांच साल के कार्यकाल को देखते हुए छत्तीसगढ़ की जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलेगा. पिछले चुनाव से ज्यादा सीटें जीतकर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ही यहां सरकार बनाएगी. भूपेश तो बार-बार कहते थे कि 75 सीटें जीतकर सत्ता में लौटेंगे. रविवार (3 दिसंबर) को मतगणना शुरू होने से पहले ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘आज जनादेश का दिन है. जनता जनार्दन को प्रणाम. सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं.’
बीजेपी से भूपेश बघेल ने छीन ली थी सत्ता
भूपेश बघेल वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ के तीसरे और कांग्रेस के दूसरे मुख्यमंत्री बने. उन्होंने 15 साल तक डॉ रमन की अगुवाई में चली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को हराकर उससे सत्ता छीन ली थी. वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी ने भूपेश के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत के साथ उसकी सरकार बनी. वर्ष 2003 से वर्ष 2013 तक तीन चुनावों में करीब 50 सीटें जीतने वाली भाजपा सिर्फ 15 सीटों पर सिमटकर रह गई थी. भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस ने 68 सीटें जीतीं. वह पाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने. वर्ष 2003, वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में वह यहीं से विधायक बने. वर्ष 2008 में भूपेश बघेल अपने रिश्ते के भतीजे विजय बघेल से चुनाव हार गए थे. भाजपा ने इस बार भी विजय बघेल को ही कका भूपेश के खिलाफ पाटन से मैदान में उतारा था. पाटन से चुनाव लड़ रहे भूपेश बघेल शुरुआती रुझानों में अपने रिश्ते के भतीजे भाजपा के विजय बघेल से पिछड़ गए थे. उनके डिप्टी चीफ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव अपनी परंपरागत सीट अंबिकापुर से चुनाव हार गए हैं. भाजपा के राजेश अग्रवाल ने उन्हें 94 वोट से हरा दिया.
ऐसा रहा है भूपेश का राजनीतिक जीवन
भूपेश बघेल का जन्म रायपुर में 23 अगस्त 1961 को नंदकुमार बघेल के घर हुआ. मुक्तेश्वरी बघेल से 3 फरवरी 1982 को उनकी शादी हुई. एमए तक की पढ़ाई करने वाले भूपेश बघेल का व्यवसाय कृषि है. साहित्य पढ़ने, योग और खेलकूद में रुचि रखते हैं. 19 जुलाई से 30 अगस्त 2000 के बीच उन्होंने बिलासपुर में बृहद स्वाभिमान रैली निकाली थी. रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सेलूद में छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी समाज के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन किया. तीन दशक से अधिक लंबा उनका राजनीतिक करियर है.
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ऐसा है राजनीतिक सफर
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1990 से 1994 तक जिला युवक कांग्रेस (दुर्ग ग्रामीण) के अध्यक्ष
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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और कार्यक्रम समन्वयक
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अब तक पांच बार विधायक बने
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पहली बार भूपेश बघेल 1993 में विधानसभा पहुंचे
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वर्ष 1998, वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव जीते
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1998 में मध्यप्रदेश में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने
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वर्ष 1999 में परिवहन मंत्री बनाये गये
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वर्ष 2000 में अजीत जोगी की सरकार में राजस्व, पुनर्वास, राहत कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री बने
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वर्ष 2008 में बीजेपी के विजय बघेल से हार गये
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वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में फिर विधानसभा पहुंचे
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भूपेश बघेल 2018 में बने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
भारतीय जनता पार्टी की 15 साल पुरानी सरकार को वर्ष 2018 में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस ने उखाड़ फेंका. स्थिति ऐसी हुई कि बड़े-बड़े नेता हार गए. भाजपा सिर्फ 15 सीट पर सिमटकर गई. 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री के अलावा भूपेश बघेल ने सामान्य प्रशासन, वित्त, ऊर्जा, खनिज संसाधन, जनसंपर्क, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी एवं अन्य वो तमाम विभाग अपने पास रखे थे, जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया था.
2018 में बघेल को मिले थे 51.85 फीसदी वोट
कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मोतीलाल साहू को बड़े अंतर से पराजित किया. भूपेश बघेल को 84,352, मोतीलाल साहू को 56,875 और शकुंतला साहू को 13,201 वोट मिले थे. भूपेश बघेल को 51.85 फीसदी वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी को 34.96 फीसदी वोट हासिल हुए. अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जे) की शकुंतला साहू को 8.12 फीसदी वोट मिले थे. पाटन विधानसभा के 2.42 फीसदी वोटर्स ने नोटा का बटन दबाया था.