ICICI Bank-Videocon loan fraud case: आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामला में चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली और अंतरिम राहत की मांग करने वाली याचिकाओं पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हो गई है. कोर्ट ने 9 जनवरी तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया है. अब 9 जनवरी को कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगा.
गौरतलब है कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने चंदा कोचर और दीपक कोचर के मामले में सीबीआई को जवाब दाखिल करने को कहा था. बता दें, आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने इस मामले में वीडियोकॉन के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया है.
मंजूर किया था 3250 करोड़ रुपये का ऋण: दरअसल, आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में जांच एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3250 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था.
वहीं, ऋण की मंजूरी के एवज में आरोपी धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया था. वहीं, 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की. पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था.
भाषा इनपुट के साथ