20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chandrayaan 3: चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर है भारत, चंद्रयान के सफल होते ही बदल जाएगा इतिहास! जानें कैसे

Chandrayaan 3: पौराणिक कथाओं में जहां चंद्रमा को देवता, सौंदर्य और कला का स्वामी माना जाता है. साथ ही कविता और काव्य में चंद्रमा को प्रेमपूर्ण हृदयों के रूपक के रूप में अलंकृत किया गया. आधुनिक विज्ञान की दृष्टि ने चन्द्रमा को एक उपग्रह के रूप में देखा है.

Chandrayaan 3: पौराणिक कथाओं में जहां चंद्रमा को देवता, सौंदर्य और कला का स्वामी माना जाता है. साथ ही कविता और काव्य में चंद्रमा को प्रेमपूर्ण हृदयों के रूपक के रूप में अलंकृत किया गया. आधुनिक विज्ञान की दृष्टि ने चन्द्रमा को एक उपग्रह के रूप में देखा है. चंद्रमा लंबे समय से इंसानों के लिए जिज्ञासा का केंद्र रहा है. दुनिया की विभिन्न सभ्यताओं ने चंद्रमा और सूर्य के बारे में कई कल्पनाओं, मिथकों और कहानियों को अपने जीवन और परंपरा का हिस्सा बनाया.

चंद्रमा और सूर्य आकाश में ऐसे दृश्यमान उपग्रह और तारे हैं जिन्हें प्रतिदिन खुली आंखों से देखने पर मानव मन में उन तक पहुंचने और उनके बारे में जानने की जिज्ञासा सहज ही उत्पन्न हो जाती है. सूर्य अपनी दूरी और अपनी गर्म प्रकृति के कारण दुर्लभ बना हुआ है, लेकिन चंद्रमा, जो पृथ्वी के सबसे करीब है और हमारे ग्रह का उपग्रह कहा जाता है, ने मानव जाति के लिए चंद्रमा पर बसने और निर्माण करने का सपना देखने की सभी संभावनाएं खुली रखी हैं. वहां की कॉलोनियां. देख सकता हूं.

गौरतलब है कि 60 और 70 के दशक में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शुरू हुए अंतरिक्ष युद्ध के चलते अमेरिका ने साल 1969 में अपोलो के तहत अपने दो अंतरिक्ष यात्रियों नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन को चंद्रमा की सतह पर उतारा था. उद्देश्य- इसके बाद कई अपोलो मिशन चंद्रमा पर भेजे गए.

हालांकि, 1972 में जीन सर्नन के बाद से, किसी अन्य अंतरिक्ष यात्री ने अभी तक चंद्रमा की सतह पर कदम नहीं रखा है. वहीं, अमेरिका और बाकी दुनिया फिर से चंद्रमा का पता लगाने के लिए कमर कस रही है. अंतरिक्ष के क्षेत्र में चंद्रमा को लेकर अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों के अलावा भारत भी कम उत्सुक और जिज्ञासु नहीं है. भारतीय वैज्ञानिक लगातार चांद पर जाकर वहां भारतीय तिरंगा फहराने का सपना संजोते रहे हैं. चंद्रयान 2 की आंशिक सफलता के बाद भारत और भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर अपने मिशन चंद्रयान 3 के जरिए चंद्रमा की ओर बढ़ रहे हैं.

Also Read: Chandrayaan-3: कुछ ही घंटों में होगी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग, बॉलीवुड सेलेब्स बोले- ऐतिहासिक पल के लिए तैयार
चंद्रयान 3 को जीएसएलवी एमके 3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा

इसरो 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 3 लॉन्च करने जा रहा है. चंद्रयान 3 मिशन के तहत इसके रोबोटिक उपकरण 24 या 25 अगस्त को चंद्रमा के उस हिस्से (शेकलटन क्रेटर) पर उतरेंगे जहां अब तक किसी भी देश का कोई मिशन नहीं पहुंचा है. इसी वजह से पूरी दुनिया की नजरें भारत के इस मिशन पर हैं. पहले की तुलना में इस बार चंद्रयान 3 का लैंडर मजबूत पहियों के साथ 40 गुना बड़े इलाके में उतरेगा. चंद्रयान 3 को जीएसएलवी एमके 3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. लैंडर को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारने के लिए इसमें कई तरह के सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं. चंद्रयान 3 मिशन का विषय चंद्रमा का विज्ञान है.

शेकलटन क्रेटर

चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव एक बड़ा 4.2 किमी लंबा शेकलटन क्रेटर है. इस खास जगह पर अरबों सालों से सूरज की रोशनी नहीं पहुंची है. इस वजह से यहां का तापमान -267 डिग्री फारेनहाइट रहता है. विशेषज्ञों के मुताबिक इस जगह पर हाइड्रोजन की मात्रा बहुत ज्यादा है. इस कारण यहां पानी की मौजूदगी हो सकती है. कई वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शेकलटन क्रेटर के पास 100 मिलियन टन क्रिस्टलीकृत पानी पाया जा सकता है.

Also Read: Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 के सफल लॉन्चिंग का बेसब्री से इंतजार, जानें इसरो का क्या है लक्ष्य
शेकलटन क्रेटर कई आवश्यक संसाधनों का भंडार है

इसके अलावा, अमोनिया, मीथेन, सोडियम, पारा और चांदी जैसे आवश्यक संसाधन यहां पाए जा सकते हैं. चंद्रयान 3 मिशन के तहत रोवर के जरिए इन जगहों का पता लगाया जाएगा. रोवर की मदद से चंद्रमा की सतह की मिट्टी, उसके तापमान और वायुमंडल में मौजूद गैसों का पता लगाया जाएगा. इसके अलावा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की संरचना और भूविज्ञान कैसा है? ये तथ्य भी पता चलेंगे.

नासा के आर्टेमिस 3 मिशन के लिए चंद्रयान 3 कितना महत्वपूर्ण है?

नासा के आर्टेमिस-3 मिशन के लिए चंद्रयान 3 बेहद अहम होने वाला है. आर्टेमिस 3 मिशन के तहत नासा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इंसानों को उतारने की योजना बना रही है. ऐसे में चंद्रयान 3 की खोज से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के बारे में डेटा मिलेगा. इससे नासा के आर्टेमिस मिशन को चंद्रमा के इस विशेष क्षेत्र के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी.

वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में भारत की धमक को मजबूत करेगा

चंद्रयान 3 मिशन मानवीय जिज्ञासा का प्रतीक होगा और बदलते भारत की तस्वीर पेश करेगा. इतना ही नहीं, चंद्रयान 3 वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में भारत की धमक को मजबूत करेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें