Chandrayaan-3 Success : भारत का मिशन मून सफलतापूर्वक पूरा हुआ है. भारत ने इतिहास रचा है. इसकी सफलता के बाद देशभर में खुशी की लहर उमड़ उठी. चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने चांद की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला भारत पहला देश बना है. मौके पर प्रधानमंत्री मोदी चंद्रमा पर चंद्रयान की लैंडिंग से पहले वीडियो लिंक के जरिये इसरो के वैज्ञानिकों से जुड़ें थे. सफल लैंडिंग के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक घटना देश कभी भूल नहीं पाएगा. उन्होंने कहा ये पल विकसित भारत का है. आइए पढ़ते है पीएम मोदी के संबोधन की कुछ प्रमुख बातें…
#WATCH | "India's successful Moon mission is not just India's alone…This success belongs to all of humanity," says PM Modi on Chandrayaan-3 mission success
— ANI (@ANI) August 23, 2023
India is the first country to land on lunar south pole with Chandrayaan-3 mission pic.twitter.com/eVh0N7fIpv
सफल लैंडिंग के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक घटना देश कभी भूल नहीं पाएगा.
उन्होंने कहा ये पल विकसित भारत का है. पीएम मोदी ने कहा कि यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है.
साथ ही पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर जाकर उसे पूरा किया है.
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि यह भारत का सफल चंद्रमा मिशन अकेले भारत का नहीं है…यह सफलता पूरी मानवता की है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि भारत चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश है, इस बात का हर भारतीय को गर्व है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की सॉफ्ट लैंडिग में सफलता के लिए देशवासियों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी और कहा कि यह पल ‘अविस्मरणीय, अभूतपूर्व’ और ‘विकसित भारत के शंखनाद’ का है.
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है. ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है.’
उन्होंने कहा, ‘यह पल अविस्मरणीय है, यह क्षण अभूतपूर्व है, यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. यह क्षण नए भारत के जयघोष का है. यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. यह क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है. यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सार्म्थय का है. यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नये विश्वास, नई चेतना का है.’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की सॉफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की. भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ. इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है.
इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’ के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची. वैज्ञानिकों के अनुसार इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चली. यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था.
लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम ने बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की. यह एक ऐसी उपलब्धि है, जो अब तक किसी भी देश को हासिल नहीं हुई है. इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, लैंडिंग के लिए लगभग 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर ‘पॉवर ब्रेकिंग फेज’ में कदम रखता है और गति को धीरे-धीरे कम करके, चंद्रमा की सतह तक पहुंचने के लिए अपने चार थ्रस्टर इंजन की ‘रेट्रो फायरिंग’ करके उनका इस्तेमाल करना शुरू कर देता है.
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