छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार को होगा. जिसमें 9 विधायक शपथ लेंगे. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी. उन्होंने विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजभवन में नौ विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे.
सुबह पौने 12 बजे 9 विधायक लेंगे मंत्री पद की शतथ
राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, हमारे मंत्रिमंडल के नए सदस्य शुक्रवार सुबह पौने 12 बजे राजभवन में शपथ लेंगे.
#WATCH | Raipur: Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai says, "Tomorrow new members of our Cabinet are taking oath in the Governor House which includes Brijmohan Agrawal, Ram Vichar Netam, Dayaldas Baghel, Kedar Kashyap, Lakhanlal Dewangan, Shyam Bihari Jaiswal, OP Choudhary, Tankram… pic.twitter.com/QzzObP2SrU
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) December 21, 2023
ये विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया, जो 9 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे उसमें बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लाखनलाल देवांगन, श्यामबिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े शामिल हैं.
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एक अन्य मंत्री पद बाद में भरा जाएगा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, जल्द ही विभागों का आवंटन भी कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का एक अन्य पद बाद में भरा जाएगा. 90 सदस्यीय विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं.
विष्णु देव साय और दे उपमुख्यमंत्रियों ने 13 दिसंबर को ली थी शपथ
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री साय और दो उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी.
मोदी की गारंटी को पूरा करने की दिशा में बढ़ाया पहला कदम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अनुपूरक बजट के माध्यम से मोदी की गारंटी को पूरा करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया. जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना हेतू 3799 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. जबकि दो साल के बकाया धान बोनस हेतू 3800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. साय ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 12,992 करोड़ रुपए से अधिक के द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, पिछली सरकार ने एक लाख 21 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक का बजट पेश किया था. योजनाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की गई, लेकिन सरकार ने राजस्व प्राप्तियों के ठोस प्रयास नहीं किए.