Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर में जवान ने अपने साथियों पर गोलीबारी की है. इस घटना में चार जवानों की मौत हो गई तथा तीन अन्य घायल हो गए हैं. राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आपसी विवाद के बाद हुई गोलीबारी में पिछले लगभग तीन वर्ष के दौरान 15 जवानों की मौत हो चुकी है.
राज्य के बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने सोमवार को बताया कि सुकमा जिले के मरईगुड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत लिंगनपल्ली गांव में सीआरपीएफ की 50वीं बटालियन के शिविर में जवान रितेश रंजन ने अपने साथियों पर गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि इस घटना में चार जवानों धनजी, राजीब मंडल, राजमणी कुमार यादव और धर्मेंद्र कुमार की मौत हो गई और तीन अन्य जवान धनंजय कुमार सिंह, धरमात्मा कुमार और मलय रंजन महाराणा घायल हो गए हैं.
सुंदरराज ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि आज तड़के लगभग 3.15 बजे जवान रितेश ने अपनी एके-47 राइफल से अन्य जवानों पर गोलीबारी की. इस घटना में सात जवान घायल हो गए. उन्होंने बताया कि घटना के बाद अन्य जवानों तथा अधिकारियों ने आरोपी जवान को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं घायल जवानों को तेलंगाना के भद्राचलम जिले के अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने चार जवानों को मृत घोषित कर दिया जबकि तीन जवानों का इलाज किया जा रहा है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस आरोपी जवान से पूछताछ कर रही है. उससे पूछताछ के बाद घटना के कारणों के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी.
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि जवान जब अपनी बैरक में सो रहे थे कि इसी दौरान रितेश ने कथित तौर पर उन पर गोलीबारी की. शर्मा ने बताया कि जब रंजन ने बैरक में गोलीबारी की तब वहां करीब 45 जवान सो रहे थे. उन्होंने बताया कि रंजन तब तक गोलियां चलाता रहा जब तक उसकी राइफल में गोली खत्म नहीं हो गई. बाद में वहां मौजूद जवानों ने रंजन पर काबू पाया. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में जानकारी मिली है कि रंजन और अन्य जवान पिछले दो-तीन दिनों से एक-दूसरे का मजाक उड़ा रहे थे और एक-दूसरे को चिढ़ा रहे थे. उन्होंने बताया कि ऐसी आशंका है कि रंजन ने इससे नाराज होकर यह कदम उठाया है. हालांकि घटना के कारणों के बारे में सही जानकारी जांच के बाद ही मिल सकेगी. शर्मा ने बताया कि घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर ले जाया जा रहा है.
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले के लिंगनपल्ली स्थित सीआरपीएफ शिविर में गोलीबारी की घटना में चार जवानों की मौत होने की घटना पर दुख जताया है. बघेल ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस घटना में घायल जवानों के बेहतर इलाज का निर्देश दिया है.
छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग तीन वर्ष के दौरान आपसी विवाद के बाद अलग-अलग घटनाओं में सुरक्षा बल के 15 जवानों की मौत हो चुकी है. वर्ष 2019 के जून में बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के शिविर में गोलीबारी के दौरान दो जवानों की मौत हो गई थी. वहीं 2019 में ही दिसंबर में नारायणपुर जिले में जवानों के बीच हुई गोलीबारी में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के छह जवानों की मौत हो गई थी.
पिछले वर्ष इसी तरह की घटना में नारायणपुर जिले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के असिस्टेंट प्लाटून कमांडर ने विवाद के बाद अपने सहकर्मियों पर गोलीबारी कर दी थी. इस घटना में दो जवान मारे गए थे। इस वर्ष जनवरी में बस्तर जिले में सीआरपीएफ के जवानों के बीच हुई गोलीबारी में एक जवान की मौत हो गई थी तथा एक अन्य घायल हो गया था. राज्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले वर्ष जून में सुरक्षाकर्मियों को मानसिक तनाव और अवसाद से बचाने के लिए ‘स्पंदन’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी.