लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अचानक उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने के लिए उनके आवास सरकारी आवास पर पहुंचे. इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त महासचिव डॉ कृष्ण गोपाल और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी मौजूद थे.
Chief Minister Yogi Adityanath visited the residence of Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya in Lucknow, to meet him.
RSS Joint General Secretary Dr Krishna Gopal and Deputy CM Dinesh Sharma were also present. pic.twitter.com/mxx2TYWtlv
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 22, 2021
केशव प्रसाद मौर्य से करीब साढ़े चार साल के अंतराल के बाद पहली बार उनके आवास पर पहुंचने की खबर से सियासत गरमा गयी. मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से मीडिया में सब कुछ ठीक नहीं होने की खबरें चल रही थीं. शीर्ष नेताओं के एक जगह पर मुलाकात से इन खबरों पर विराम लग गया.
बताया जाता है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बेटे की शादी की बधाई देने और औपचारिक मुलाकात के लिए सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेता पहुंचे थे. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत भी हुई है. चर्चा है कि कोर कमेटी का केशव प्रसाद के घर पर लंच में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री यहां पहुंचे थे.
कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए परिवारी जनों के साथ मेरे सुपुत्र चि० श्री योगेश कुमार मौर्य का शुभ विवाह आयु० अंजलि मौर्य संग संपन्न हुआ।
इस अवसर पर मैं आप सभी के आशीर्वाद व शुभेच्छाओं की कामना करता हूं। कोविड के कारण आप सभी के प्रत्यक्ष आशीर्वाद प्राप्त करने से वंचित रहा। pic.twitter.com/TdEMrbIMtS— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) May 22, 2021
केशव प्रसाद के बेटे योगेश कुमार मौर्य का विवाह रायबरेली निवासी हरिशंकर मौर्य की बेटी अंजली से पिछले माह 21 मई को हुई थी. कोरोना गाइडलाइन के कारण सिर्फ 25 लोग ही विवाह समारोह में शामिल हुए थे. उपमुख्यमंत्री ने 22 मई को ट्वीट करके जानकारी दी थी. विवाह में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन दूल्हा-दुल्हन समेत सभी मेहमानों ने भी किया था.
साल 2017 में विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की दौड़ में केशव प्रसाद मौर्य का नाम सबसे आगे था. पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बना कर कद पहले से ही बढ़ा चुकी थी. हालांकि, उन्हें डिप्टी सीएम के पद पर रहना पड़ा. अब केशव प्रसाद मौर्य अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव में ‘असम मॉडल’ पर चुनाव चाहते हैं. अर्थात्, चुनाव में मुख्यमंत्री का चेरा घोषित नहीं किया जाये.
पिछले चुनाव के बाद करीब साढ़े चार साल बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पहुंचना बड़ी घटना है. दोनों नेताओं की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. केशव प्रसाद मौर्य चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार का फैसला विधानमंडल की बैठक में हो. वहीं, अगले चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व करे.
प्रदेश की सियासत पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र सिंह की बातें महत्वपूर्ण है. पार्टी के नियमों के मुताबिक ही केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य ने बातें कही हैं. पार्टी में कोई अंतर्विरोध या अंतर्कलह नहीं है. मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा संसदीय बोर्ड ही करता है.
इधर, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष आज शाम को प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद रहेंगे.