नयी दिल्ली : भारत के साथ चीन ने गलवान घाटी में जिस तरह का धोखा किया, जिसकी वजह से हमारे 20 जांबाज सैनिकों को शहीद होना पड़ा उस धोखेबाजी का मुख्य साजिशकर्ता है लेफ्टिनेंट जनरल शू कीलिंग. शू कीलिंग को चीन ने उस थियेटर कमांड का जिम्मा सौंपा है जिस पर भारत से लगी सीमा की जिम्मेदारी है. इस कमांड के पास एलएसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
शू कीलिंग को पीएलए में ‘राइजिंग स्टार’ के निकनेम से बुलाया जाता है. शू कीलिंग वह शख्स है जिसने थियानमेन चौक नरसंहार में भी अहम भूमिका निभाई थी. थियानमेन चौक के नरसंहार में चीन के 10 हजार लोग मारे गये थे. इस नरसंहार को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाने वाला शख्स कैसा व्यक्ति हो सकता है, यह बात आसानी से समझी जा सकती है.
शू कीलिंग का जन्म चीन के शेडोंग प्रांत के एक किसान परिवार में हुआ था. वह मात्र 16 साल की उम्र में ट्रेनी के रूप में वायु सेना में शामिल हो गया था. अपनी क्षमता की बदौलत वह लगातार सेना में आगे बढ़ता गया और आज इस मुकाम पर पहुंचा है. 1980 के दशक में कीलिंग राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलीन वर्ग में शामिल हुए. चीन के समाज सुधारक और सबसे बड़े नेता माने जाने वाले डेंग जियाओपिंग पर भी शू कीलिंग का प्रभाव था. थियानमेन चौक पर एक फाइटर जेट उड़ाकर शू कीलिंग ने डेंग को प्रभावित किया था.
41साल की उम्र में शू को मेजर जनरल बनाया गया था. बाद में वह 54वीं सेना कॉर्प के चीफ ऑफ स्टाफ बने.इस आर्मी कॉर्प ने थियानमेन चौक के विद्रोह और तिब्बत में 1959 के आंदोलन को दबाने में अहम भूमिका निभाई थी. 2015 में इस ग्रुप का विलय 83वें आर्मी कॉर्प में हो गया.2017 में शू कीलिंग सबसे उम्र के जेनरल में शामिल हुआ.चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2017 में शू कीलिंग को सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का उपाध्यक्ष बनाया.
शू कीलिंग को शी जिनपिंग का खास बताया जाता है.शू कीलिंग ने चीनी सरकार के तानाशाही रवैये को सफल बनाने में अहम भूमिका निभायी है.ऐसी चर्चा है कि भारत-चीन सीमा पर उसे अहम जिम्मेदारी देकर शी जिनपिंग भारत के खिलाफ षडयंत्र करना चाह रहा है.यह शू कीलिंग के लिए अग्निपरीक्षा है, इसलिए वह तमाम पैंतरे अपनाने की फिराक में है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से भारत-चीन सीमा पर तनाव है और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर वार्ता भी चल रही है. इसी बीच 15 जून की रात को दोनों देशों की सेना के बीच झड़प हुई. जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गये.