Union Cabinet: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने GeM (सरकारी ई-मार्केटप्लेस) के अधिकार क्षेत्र में विस्तार करने का फैसला किया है. मोदी सरकार के इस फैसले का लाभ 8.54 लाख से ज्यादा पंजीकृत सहकारी समितियों और उनके 27 करोड़ सदस्यों को मिलेगा. कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी.
अनुराग ठाकुर ने जेम (Gem) की उपलब्धियां भी बतायी. उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर कलाकार, बुनकर, स्वयं सहायता समूह (Self Help Group- SHG), स्टार्टअप्स, महिला उद्यमी एवं एमएसएमई पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि महज चार साल में इसका कारोबार 6,220 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि GeM की वजह से सामानों की खरीद में पारदर्शिता आयी है. इससे किसी सामान की खरीद पर होने वाला सरकारी खर्च भी बचा है. एक अनुमान के मुताबिक, GeM पोर्टल की वजह से सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है. अनुराग ठाकुर ने कहा है कि पोर्टल की वजह से स्वयं सहायता समूहों, MSME और छोटे व्यापारियों को काफी फायदा हुआ है. कई सरकारी कंपनियां, मंत्रालय, सरकारी विभाग, स्वायत्तशासी संस्थाएं या लोकल बॉडीज ने GeM पोर्टल से खरीद शुरू कर दी है.
अनुराग ठाकुर ने बताया कि GeM (Government e-Marketplace) पर कारोबार तेजी से बढ़ा है. पहले की व्यवस्था में 3,000 लोग सरकार को अपना सामान बेचते थे. GeM पोर्टल के आने से पारदर्शिता बढ़ी और इसके जरिये कारोबार करने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 41,000 से ज्यादा हो गयी है. ये लोग सीधे सरकार को या विभागों को अपना सामान बेच रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सहकारिता में पारदर्शिता लाने के लिए ही GeM परिकल्पना की गयी थी. अभी 41,000 लोग इससे जुड़े हैं और इसका कारोबार 1.06 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. जब 8.54 लाख पंजीकृत सहकारियां समिति इससे जुड़ेंगी, तो समझा जा सकता है कि इसका कारोबार कितना हो जायेगा.
अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि आपदा के समय 50 से ज्यादा स्टार्टअप्स तैयार हुए. आज देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं. उन्होंने कहा कि एमएसएमई का व्यापार बढ़ा है और सरकार का खर्च कम हुआ है. सरकार को अपने सामान का प्रचार करने के लिए पहले काफी खर्च करना पड़ता था. अब ऐसा नहीं है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पहले गिने-चुने लोग ही सरकार को अपना सामान बेचा करते थे. कई बार छोटे लोग टेंडर की प्रक्रिया में वे क्वालिफाई नहीं कर पाते थे. कई बार एक ही टेंडर आता था. अब छोटे से छोटा व्यापारी और व्यक्ति भी अपना प्रोडक्ट सरकार को बेच पा रहे हैं. मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद और GeM पोर्टल के आने के बाद आम नागरिक भी, जो उद्यमी हैं, बड़ी से बड़ी प्रतिस्पर्धा में भाग ले रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पारदर्शिता से सिस्टम की क्षमता बढ़ती है. मुनाफा भी बढ़ता है. आने वाले दिनों में जब GeM पोर्टल का विस्तार होगा, तो लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा. उन्हें बताया जायेगा कि कैसे GeM पोर्टल पर जायेंगे. कैसे अपने सामान के बारे में बतायेंगे और कैसे उसकी बिक्री करेंगे. ये सारी चीजें उन्हें बतायी जायेंगी. GeM पोर्टल पर अब तक सामानों की हुई खरीद का पूरा रिकॉर्ड मौजूद है. इसलिए कीमत का मिलान करना भी आसान हो जाता है.