Congress: महाराष्ट्र और झारखंड में किस गठबंधन की सरकार बनेगी, यह शनिवार को मतगणना के बाद तय हो जायेगा. लेकिन मतगणना से पहले सभी तरह की राजनीतिक संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस और भाजपा ने तैयारी तेज कर दी है. बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में विधायकों का समर्थन जुटाने के लिए रणनीति बनायी जा रही है. मतगणना से पहले कांग्रेस ने संभावित समीकरणों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र और झारखंड के लिए तीन-तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है. महाराष्ट्र के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
जबकि झारखंड के लिए तारिक अनवर, तेलंगाना सरकार के मंत्री मल्लू भाटी और कृष्णा अलावारा को पर्यवेक्षक बनाया गया है. झारखंड में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला है. राजग में भाजपा, आजसू, जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जबकि इंडिया गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस, राजद और वाम दल शामिल हैं. वहीं महाराष्ट्र में एनडीए के महायुति और इंडिया गठबंधन के महाविकास अघाड़ी के बीच मुख्य मुकाबला है.
मतगणना के बाद की परिस्थितियों पर रखेंगे नजर
दोनों राज्यों में 20 नवंबर को मतदान संपन्न हो चुका है. पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार दोनों राज्यों में अधिक मतदान हुआ है. दोनों गठबंधन की ओर से अपनी जीत का दावा किया जा रहा है. विभिन्न एग्जिट पोल में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला बताया गया है. ऐसे में मतगणना के बाद किसी तरह की तोड़फोड़ और निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन की ओर से रणनीति बनायी जा रही है. भावी रणनीति के मद्देनजर ही कांग्रेस ने पर्यवेक्षकों की तैनाती की है ताकि सही समय पर सही फैसला लिया जा सके. मतगणना के दौरान पर्यवेक्षक राज्य में मौजूद रहेंगे और परिणाम के हिसाब से पार्टी की रणनीति तय करेंगे.