कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में एक विशाल रैली को कई नेताओं ने संबोधित किया. कांग्रेस नेताओं के संबोधन में लोकसभा चुनाव 2024 की झलक देखने को मिली. खासकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी सांसद राहुल गांधी के संबोधन में, जिन्होंने एक बार फिर जाति आधारित गणना पर जोर दिया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आने के बाद जाति आधारित गणना करायेगी. आपको बता दें कि कांग्रेस ने ‘हैं तैयार हम’ नामक रैली के जरिये अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपने अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के गढ़ नागपुर से शुरू किया गया.
बीजेपी पर जाति आधारित जनगणना का विरोध करने का आरोप
रैली को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बीजेपी पर जाति आधारित जनगणना का विरोध करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि इस कवायद से बेहतर सामाजिक न्याय हो सकता है. चव्हाण ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी देश में जाति आधारित जनगणना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह भी राय है कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत सीमा को हटाया जाना चाहिए. पूरी कवायद (जातीय जनगणना की) सभी राज्यों में आरक्षण से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने में मदद करेगी, लेकिन बीजेपी इसका विरोध करने में लगी हुई है.
पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जाति आधारित गणना की बात कही थी लेकिन वह राजस्थान और छत्तीसगढ़ गंवा बैठी जिसमें वह सत्ता पर काबिज थी. यही नहीं मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस के सत्ता में आने के कयास लगाए जा रहे थे, जबकि चुनाव का परिणाम ठीक उलट हुआ और बीजेपी फिर सत्ता पर काबिज हुई. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी राहुल गांधी के साथ-साथ प्रदेश के कई दिग्गज जाति आधारित गणना की बात कह चुके थे. बिहार में हुए जातिगत सर्वे के बाद विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रहा है.
बेरोजगारी भी होगा कांग्रेस का मुद्दा
राहुल गांधी के बयान के बाद ऐसा लग रहा है कि जाति आधारित गणना को कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाएगी ही, साथ ही वह अन्य मुद्दों पर भी बीजेपी को घेरने का प्रयास करेगी. राहुल गांधी ने कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि देश में बेरोजगारी पिछले 40 वर्ष में सबसे हाई लेवल पर है. अपने पहले की बातों को ही दोहराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है. बीजेपी के विपरीत, कांग्रेस का एक छोटा कार्यकर्ता भी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर सवाल उठा सकता है और उनसे असहमति जता सकता है.
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लोकसभा चुनाव से पहले इस बड़ी रैली पर पूरे देश की नजर थी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों के कई शीर्ष पार्टी नेताओं ने हिस्सा लिया. हालांकि पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रैली में नहीं पहुंच सकीं. रैली के अंतिम आवर में खबर आई कि सोनिया गांधी की तबीयत खराब है और प्रियंका उनके साथ हैं. इसलिए दोनों नेता रैली में आने में असमर्थ हैं.
‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट रहा तो बीजेपी कहीं नहीं दिखेगी
कांग्रेस के कई नेताओं ने रैली को संबोधित किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में कहा कि यदि ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट रहा तो बीजेपी कहीं नहीं दिखेगी. खरगे ने लोगों से लोकतंत्र और देश को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन का समर्थन करने का आह्वान किया. आपको बता दें कि विपक्षी गठबंधन की बैठक पिछले दिनों दिल्ली में हुई. बैठक के दौरान कई तरह की चर्चा हुई जिसमें पीएम फेस भी शामिल है. बैठक के बाद खबर आई कि खरगे को पीएम फेस बनाने पर कई नेताओं ने सहमति जताई है.
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इस बीच आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में 14 जनवरी से 20 मार्च तक मणिपुर से मुंबई तक भारत न्याय यात्रा निकाली जाएगी. ये यात्रा ऐसे समय में होगी जब साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही होगी. यदि आपको याद हो तो राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा सात सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली थी. ये यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरी थी. इसके बाद माना गया कि उनकी इस यात्रा से कर्नाटक और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लाभ हुआ.