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Congress Crisis: क्या है सचिन पायलट के मन में ? राजस्थान में अनशन के बाद दिल्ली पहुंचे कांग्रेस नेता

Congress Crisis : कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की चेतावनी पर पायलट ने कहा कि भ्रष्‍टाचार के मुद्दे को लेकर मैंने अपनी बात रखी थी. अगर कोई बात संगठन की होती तो निश्चित रूप से मैं बात संगठन के मंच पर करता लेकिन सरकार से संबंधित मामला था और मैंने एक साल पहले से ही आग्रह कर रहा था.

Congress Crisis : राजस्थान कांग्रेस में घमासान जारी है. इस बीच अपनी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ सार्वजनिक विरोध के बाद राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली पहुंचे हैं. यहां वे केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं. आज सुबह उनका एक वीडियो आया जिसमें वे अपने आवास से काले रंग की गाड़ी में निकलते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि सचिन पायलट ने मंगलवार को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में हुए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ जयपुर में एक दिन का अनशन किया था. इस मामले में लगातार चुप्पी साधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है.

आपको बता दें कि राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गयी चेतावनी को दरकिनार करते हुए पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को यहां एक दिवसीय ‘अनशन’ किया. साथ ही पायलट ने अपने इस कदम को एक तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी के आंदोलन से जोड़ते हुए कहा कि इससे देश भर में आंदोलन को गति मिलेगी. पायलट ने जयपुर के शहीद स्मारक पर पूर्वाह्न 11 बजे से शाम चार बजे तक पांच घंटे के मौन अनशन किया.

…विरोध में हम उठाना चाहते हैं अपनी आवाज

अनशन के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बात की और कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई होगी. पायलट ने कहा कि राजस्‍थान की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में जो तमाम भ्रष्‍टाचार हुए उसके विरोध में मैंने आज एक दिन का अनशन रखा. इस मुद्दे को मैं बहुत लंबे समय से उठा रहा था. यह वही मुद्दा है जिसको लेकर राहुल गांधी ने संसद के अंदर, संसद के बाहर अपनी आवाज उठाई, कांग्रेस व विपक्षी दलों ने संयुक्‍त संसदीय समिति की मांग रखी. क्योंकि भाजपा शासन में जो व्‍यापक भ्रष्‍टाचार हुआ और जो हो रहा है, उसके विरोध में हम अपनी आवाज उठाना चाहते हैं.


मैं उम्‍मीद करता था कि कार्रवाई होगी

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में जब हम कांग्रेस वाले विपक्ष में थे तो हमने सरकार के भ्रष्‍टाचार के कई मामलों को प्रमाण सहित उजागर किया था और हमने (उस समय) जनता से यह वादा किया था कि जब सरकार में हम आएंगे तब वसुंधरा जी व भाजपा के शासन में जो तमाम गड़बड़ घोटाले हुए उन पर कार्रवाई होगी. पायलट ने कहा कि मैं चाहता था क‍ि इस मामले में कार्रवाई हो लेकिन पत्र लिखने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई. मैंने कई पत्र लिखे मुख्‍यमंत्री जी को.. हमें सरकार में आए चार से अधिक का समय बीत गया, मैं उम्‍मीद करता था कि कार्रवाई होगी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.

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वहीं, कांग्रेस ने सचिन पायलट के इस कदम को ‘पार्टी विरोधी’ करार दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का एक बयान सोमवार देर रात जारी किया गया जिसके अनुसार, पायलट का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है.

भाषा इनपुट के साथ

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