कांग्रेस पार्टी से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर दबाव बनाते हुए कहा कि पूरा देश परेशान है. लोग भूखे प्यासे सड़कों पर चल रहे हैं. जब भूख लगती है तो मां बच्चे को खाना पानी देती है. आज मजदूरों (Labor) और श्रमिकों के जेब में एकदम पैसे देने की जरूरत है. भारत माता को अपने बच्चे के लिए साहूकार का काम नहीं करना चाहिए. सड़क पर चलने वाले, किसान को पैसे की जरूरत है. देश के पास पैसे की दिक्कत नहीं है. आपको बता दें कि कोरोना संकट के बीच कांग्रेस पार्टी की ओर से राहुल गांधी ने आज डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया.
इस विशेष पत्रकार वार्ता में एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘ये जो लोग आज तड़क रहे हैं, भूखे प्यासे चल रहे हैं ये हिंदुस्तान का भविष्य हैं. नरेंद्र मोदी जी को मैं प्यार से कह रहा हूं कि किसान, श्रमिकों को सीधे पैसे दिए जाएं.’ उन्होंने कहा कि उन्हें ये पता चला है कि पैसे सिर्फ इसलिए नहीं दिए जा रहे क्योंकि भारत के बाहर की रेटिंग एजेंसी हमारी रेटिंग गिरा देंगे. विदेश के बारे में आज मत सोचिए.
लॉकडाउन खोलने के एक सवाल में उन्होंने कहा कि बिना सोचे समझे ये नहीं किया जा सकता. ये कोई आन आफ स्विच नहीं है, समझदारी से खोलना है. हमें खासतौर पर किडनी, हाईबीपी, शुगर मरीजों का खास ख्याल रखना है.
अर्थव्यवस्था की हालत और मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना की वजह से डिमांड और सप्लाई दोनों की दिक्कत है. इस आर्थिक पैकेज से डिमांड नहीं आने वाली. इसके लिए मोदी सरकार को नए सिरे से सोचना चाहिए. हो सके तो न्याय जैसी व्यवस्था शुरू करनी चाहिए. अगर डिमांड शुरू नहीं हुआ तो देश को बहुत बड़ा नुकसान होगा. सबसे जरूरी है कि जनता की जेब में सीधे पैसा पहुंचे. देश के इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में निवेश करना सही है लेकिन अभी इंजन स्टार्ट करने के लिए लोगों को पहले पैसा मुहैया कराना चाहिए.
सड़कों पर जो लोग चल रहे हैं इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इस सवाल के जवाब में राहुल ने मीडिया से कहा कि ये दोषारोपण का समय नहीं है. राज्यों के बीच क्वार्डिनेशन की कमी हो सकती है लेकिन बीजेपी का शासन है तो सबसे बड़ा हथियार उनके पास है. हालांकि उन्होंने माना कि ये जिम्मेदारी कांग्रेस सहित सभी की है. देश और दुनिया से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि ये मत सोचिए कि तूफान आ गया, असली तूफान तो आने वाला है. आर्थिक नुकसान का तूफान आने वाला है. लोगों की जेब में पैसा डालिए. मैं सिर्फ दबाव डालने के लिए बार बार बोल रहा हूं.