मोगा (पंजाब) : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कि अगर किसान कृषि बिल से खुश हैं, तो वे देश भर में विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं. आखिर क्यों पंजाब का हर किसान आज प्रदर्शन में शामिल हैं. जिस दिन कांग्रेस सत्ता में आयी हम इन तीनों काले कानूनों को हटा देंगे और इन्हें कूड़ेदान में फेंक देंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी ने यह तीव्र प्रतिक्रिया पंजाब के मोगी में दी. उन्होंने कहा कि आखिर जरूरत क्या थी इस इन कानूनों की? अगर आप इन्हें लागू करना ही चाहते थे, तो इनपर सदन में चर्चा क्यों नहीं हुई? पीएम मोदी कहते हैं कि यह कानूनों किसानों के लिए तो फिर इसपर खुलेतौर पर चर्चा क्यों नहीं हुई?
आज इन कानूनों के विरोध में हमारे किसानों को सड़क पर क्यों उतरना पड़ रहा? दरअसल यह कानून किसानों के लिए नहीं बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाये हैं. राहुल गांधी आज यहां ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए. उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंदर सिंह भी हैं.
उनके अलावा कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और अन्य नेता भी रैली में शामिल होने के लिए मोगा पहुंचे हैं. राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू भी मोगा में हैं, जो पिछले कुछ समय से कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूरी बनाकर चल रहे थे. ‘खेती बचाओ यात्रा’ के नाम से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियां करीब 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी और विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेंगी.
उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं. किसानों को आशंका है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की ‘दया’ पर आश्रित रह जाएंगे. हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि संसद ने हाल में तीन विधेयकों- ‘कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020′, ‘किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन’ अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और ‘आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-2020′ को पारित किया।, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद तीनों कानून 27 सितंबर से प्रभावी हो गये हैं.
Posted By : Rajneesh Anand