Repealing Farm Laws तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर आगे की रणनीति बनाने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली में एकत्रित हुए है. इस पर मंथन करने के लिए सोमवार को कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, भूपिंदर सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, नवजोत सिंध सिद्धू, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, शक्तिसिंह गोहिल, अजय कुमार लल्लू, अनिल चौधरी और अन्य नेता कांग्रेस वॉर रूम पहुंचे है.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बारे में जानकारी दी है. इससे पहले कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी राज्य इकाइयों से कहा था कि वे 20 नवंबर को राज्य, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर किसान विजय दिवस मनाते हुए रैलियों और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के सम्मान में कैंडल मार्च का आयोजन करेंगे. किसानों के आंदोलन और बलिदान और कांग्रेस एवं राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट विपक्ष की लड़ाई के बाद ये तीनों कानून निरस्त किए जा रहे हैं. बुराई पर सामूहिक विजय हमारे देश के अन्नदाताओं को समर्पित है.
Delhi: Congress leaders KC Venugopal, Bhupinder Singh Hooda, Kumari Shailja, Navjot Sindh Sidhu, Punjab CM Charanjit Singh Channi, Shaktisinh Gohil, Ajay Kumar Lallu, Anil Chaudhary & others reach Congress War Room to formalise strategy on Centre's decision of repealing farm laws pic.twitter.com/iNy8ZFOtnH
— ANI (@ANI) November 22, 2021
वहीं, कृषि कानूनों को रद्दे करने की घोषणा के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि देश के अन्नदाताओं ने अपने सत्याग्रह से सरकार के अहंकार को झुका दिया है और अब पीएम नरेंद्र मोदी को आगे ऐसा दुस्साहस नहीं करना चाहिए. किसानों-मजदूरों के नाम लिखे खुले पत्र में राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि पीएम मोदी को अगले साल तक किसानों की आय दोगुनी करने का खाका सामने रखना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक साल से कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 के खिलाफ विभिन्न राज्यों व राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा था कि संसद के आगामी सत्र में इसके लिए समुचित विधायी उपाय किए जाएंगे.
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