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कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा से निलंबन रद्द, विशेषाधिकार समिति ने दी मंजूरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द कर दिया गया है. लोकसभा से निलंबित चल रहे नेता अधीर रंजन चौधरी को आज समिति के सामने अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था. पूछताछ और बातचीत के बाद देर रात लोकसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दिया गया है और लोकसभा से उनका निलंबन रद्द कर दिया गया है.

Adhir Ranjan Chowdhury : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का निलंबन रद्द कर दिया गया है. लोकसभा से निलंबित चल रहे नेता अधीर रंजन चौधरी को आज समिति के सामने अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था. पूछताछ और बातचीत के बाद देर रात लोकसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दिया गया है और लोकसभा से उनका निलंबन रद्द कर दिया गया है. जानकारी हो कि इसी महीने से 10 तारीख को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया था.

विशेषाधिकार समिति ने दी निलंबन निरस्त करने की मंजूरी

संसद की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की लोकसभा में की गई कुछ टिप्पणियों एवं आचरण को लेकर निचले सदन से किए गए उनके निलंबन को निरस्त करने की सिफारिश संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास विचार के लिए भेजा गया था. संसद की विशेषाधिकार समिति ने इस मामले में चौधरी को अपना पक्ष रखने के लिए बुधवार को बुलाया था.

‘भावना आहत हुई हैं तो वे खेद प्रकट करते हैं’

एक सूत्र ने बताया कि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सिंह की अध्यक्षता वाली समिति को बताया कि उनका किसी की भावना को आहत करने का कोई इरादा नहीं था और कभी भी कोई सदस्य ऐसे किसी शब्द या वाक्य का इस्तेमाल करता है जो आसन को उपयुक्त नहीं लगता तब उसे कार्यवाही से निकाल दिया जाता है. उनके अनुसार, कांग्रेस सांसद ने कहा कि इसी प्रकार से उनके कुछ शब्दों को भी कार्यवाही से निकाल दिया गया . उन्होंने कहा कि वह किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहते थे और अगर किसी की भावना आहत हुई हैं तो वे खेद प्रकट करते हैं.

विशेषाधिकार समिति ने 18 अगस्त को किया था विचार

इस मामले पर विशेषाधिकार समिति ने 18 अगस्त को विचार किया था. सूत्रों ने बताया कि 18 अगस्त को हुई बैठक में एक आम राय बनी थी कि स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत उन्हें (अधीर रंजन चौधरी) अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए. कुछ सदस्यों ने यह विचार भी व्यक्त किया था कि (मानसून) सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करके सदस्य को पहले ही दंडित किया जा चुका है और ऐसे में दोबारा उन्हें दंड देने का कोई औचित्य नहीं है.

30 अगस्त 2023 को बुलाने का निर्णय किया था

इसके बाद समिति ने सांसद अधीर रंजन चौधरी को मौखिक साक्ष्य के लिए 30 अगस्त 2023 को बुलाने का निर्णय किया था. हाल ही में संपन्न संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था. इसके साथ ही उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था.

सचिवालय के अधिसूचना के बाद निलंबन रद्द

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी थी. इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे. प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक कांग्रेस नेता चौधरी सदन की कार्यवाही से निलंबित रहेंगे. लेकिन, अब सचिवालय के अधिसूचना के बाद उनका निलंबन रद्द हो चुका है.

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