Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अब मल्लिकार्जुन खड़गे बनाम शशि थरूर हो गया है. दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आज नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों दक्षिण भारत से नाता रखते हैं. जबकि, कांग्रेस के अधिकतर प्रतिनिधि जो चुनाव में मतदान करेंगे, वह हिंदी भाषी राज्यों से हैं.
बताते चलें कि 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार का विश्वस्त और करीबी माना जाता है. फिलहाल वह राज्यसभा में नेता विपक्ष हैं. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए 30 नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, एके एंटनी, पवन कुमार बंसल, सलमान खुर्शीद, अवनीश पांडे, राजीव शुक्ला और मुकुल वासनिक उनके प्रस्तावकों में शामिल हैं. वहीं, केरल से सांसद शशि थरूर के प्रस्तावकों में कार्ति चिदंबरम बड़ा नाम है, जो तमिलनाडु से सांसद हैं.
इधर, नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद शशि थरूर ने एक संवाददाता सम्मेलन में मल्लिकार्जुन खड़गे से मुकाबले के सवाल पर कहा कि वह कांग्रेस के भीष्म पितामह हैं. कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि यह एक दोस्ताना मुकाबला है. हम कोई दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं. मैं उनका अनादर नहीं करता, लेकिन अपने विचार व्यक्त करूंगा. थरूर ने खड़गे को निरंतरता बनाए रखने वाला उम्मीदवार करार दिया. उनका इशारा इस बात की ओर था कि कर्नाटक के नेता खड़गे गांधी परिवार की पंसद हैं. थरूर ने कहा कि उन्हें यथास्थिति बनाए रखने को लेकर पार्टी की सोच पर कोई आश्चर्य नहीं है. थरूर ने कहा कि यदि आप यथास्थिति बनाए रखना चाहते हैं तो खड़गे जी को वोट दें. अगर आप 21वीं सदी के नजरिए से बदलाव और विकास चाहते हैं तो मैं उम्मीद करता हूं कि मैं वह बदलाव ला पाऊंगा.
मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार की ओर से बैकडोर सपोर्ट किए जाने की बात सामने आ रही है. अगर ऐसा है तो खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है. नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मलिल्कार्जुन खड़गे की एंट्री को लेकर कई तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही है. मजदूर आंदोलन से सियासी करियर की शुरुआत करने वाले खड़गे अगर अध्यक्ष पद का चुनाव जीत जाते है कि वो बाबू जगजीवन राम के बाद दूसरे दलित अध्यक्ष बनेंगे. बता दें कि जगजीवन राम 1970-71 में कांग्रेस के अध्यक्ष थे.
कर्नाटक के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खड़गे का जन्म 21 जुलाई 1942 को तत्कालीन हैदराबाद इस्टेट में हुआ था. 50 साल से ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय रहने वाले खड़गे को 1969 में कर्नाटक के गुलबर्गा शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी. खड़गे ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शुरुआत में वे पार्टी के प्रचार के लिए खुद पर्चा बांटते थे और स्लोगन दीवारों पर लिखते थे. मल्लिकार्जुन खड़गे वर्ष 1972 में वह पहली बार विधायक चुने गए. इसके बाद वे 2008 तक लगातार विधायक चुने गए. साल 2009 में गुलबर्गा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वह संसद पहुंचे. लगातार दो बार 2009 और 2014 में वह सांसद बने. खड़गे अपने राजनीतिक करियर में 9 बार विधायक रह चुके हैं.
मनमोहन सिंह की सरकार में खड़गे रेल मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 2014 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खड़गे को लोकसभा में नेता विपक्ष नियुक्त किया था. पिछले साल उन्हें राज्यसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वहीं, राजनीतिक जीवन में खड़गे का नाम दो बड़े विवादों में आ चुका है. साल 2000 में कन्नड़ सुपरस्टार राजकुमार का चंदन तस्कर वीरप्पन ने अपहरण कर लिया था. उस वक्त खड़गे प्रदेश के गृह मंत्री थे, जिसके बाद विपक्ष ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाया. वहीं, नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने उनसे पूछताछ की थी. हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
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