सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista project) को मिली पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. अब इसपर कांग्रेस ने कहा, यह परियोजना कानून से जुड़ा मुद्दा नहीं, बल्कि सरकार की गलत प्राथमिकताओं का विषय है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि सरकार इस परियोजना को ऐसे समय आगे बढ़ा रही है जब देश कोरोना संकट और आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किये और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, 13,450 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना कोई विधि सम्मत मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ऐसे ‘तानाशाह’ की गलत प्राथमिकताओं का विषय है जो अपना नाम इतिहास में दर्ज कराना चाहते हैं.
13,450 CR का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट एक कानूनी मुद्दा है ही नहीं ।
यह एक ‘आत्ममुग्ध निरंकुश शासक’ द्वारा इतिहास में मनमाने तरीके से अपना नाम दर्ज कराने की सनक में ‘गलत प्राथमिकताओं’ का ज्वलंत मामला है।#CentralVista
1/3— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 5, 2021
उन्होंने कहा, विडंबना यह है कि कोरोना महामारी और आर्थिक मंदी के समय भी केंद्र सरकार के पास सेंट्रल विस्टा पर खर्च करने के लिए 14,000 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री का विमान खरीदने के लिए 8000 करोड़ रुपये है. परंतु इसी भाजपा सरकार ने 11.3 लाख सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के भत्ते में 37,530 करोड़ रुपये की कटौती कर दी.
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PM यह न भूलें कि उन्होंने 15 लाख सैनिकों और 26 लाख सैन्य पेंशनर्स के अर्जित लाभों में 11,000 करोड़ की कटौती की है।और भाजपा सरकार के पास लद्दाख में चीनी घुसपैठ से लड़ रहे हमारे सैनिकों को 'गर्म तंबू और उपकरण' उपलब्ध कराने का समय व धन क्यों नहीं है?#CentralVista https://t.co/PQf4JlTcbt
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 5, 2021
कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया, प्रधानमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने 15 लाख सैनिकों और 26 लाख सैन्य पेंशनभोगियों पर 11,000 करोड़ रुपये की कटौती लागू की है. इसके साथ ही, इस सरकार ने लद्दाख में चीनी आक्रामकता का मुकाबला कर रहे हमारे जवानों के लिए ‘गर्म टेंट’ और दूसरे उपकरण प्रदान नहीं किये.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को मंगलवार को बरकरार रखा और राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैली इस महत्वाकांक्षी परियोजना का रास्ता साफ कर दिया. सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी. इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नये संसद भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसका निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा होना है. उसी वर्ष भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा.
Posted By – Arbind kumar mishra