Consumer Affairs:केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग, राज्य विधिक माप विज्ञान विभागों और उनके पोर्टलों को एकीकृत राष्ट्रीय प्रणाली में समायोजित करने के लिए राष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान पोर्टल (ईमैप) विकसित कर रहा है. इस पहल का उद्देश्य लाइसेंस जारी करने, सत्यापन करने और प्रवर्तन एवं अनुपालन के प्रबंधन के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना है. एक केंद्रीकृत डेटाबेस होने से ईमैप हितधारकों को कई राज्य पोर्टलों पर पंजीकरण करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी और व्यापार नियमों में पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा. यह पोर्टल व्यापारियों और उद्योगों को कागजी कार्रवाई को कम करेगा, जिससे कारोबार के लिए एक पारदर्शी और अनुकूल माहौल तैयार होगा. इससे जवाबदेही के साथ ही काम की क्षमता में भी वृद्धि होने की संभावना है.
एकीकृत डेटाबेस बनाने में मिलेगी मदद
वर्तमान में, राज्य सरकारें पैकेज्ड वस्तुओं के पंजीकरण, लाइसेंस जारी करने और माप एवं तौल उपकरणों के सत्यापन के लिए अपने स्वयं के पोर्टल का उपयोग कर रही है. प्रवर्तन गतिविधियां और अपराधों के समाधान के लिए कोई ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है. इसलिए, उपभोक्ता मामले विभाग सभी राज्य पोर्टलों को राष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान पोर्टल ‘ईमैप’ के रूप में एकीकृत कर रहा है जिसमें प्रवर्तन सहित विधिक माप विज्ञान के सभी कार्य शामिल होंगे और एकीकृत डेटाबेस बनाने में मदद मिलेगी.
गौरतलब है कि पोर्टल के विकास के लिए उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कई बैठकें आयोजित की गई थी, जिसमें उद्योग और फिक्की, सीआईआई, पीएचडी, एसोचैम जैसे उद्योग संघ, राज्य कानूनी माप विज्ञान विभागों के प्रतिनिधि और एनआईसी की टीम शामिल हुई. ईमैप पोर्टल लाइसेंस जारी करने, नवीनीकरण करने और संशोधन करने जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को सरल करने के साथ ही वजन और माप उपकरण, पंजीकरण प्रमाणपत्र और अपील आदि के सत्यापन करना आसान होगा.