देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से ऐसी खबर सामने आ रही है जो चर्चा कर विषय बन गयी है. दरअसल, इंदौर में नगर निगम के कर्मचारियों ने सड़क पर कचरा फेंकने पर बतौर जुर्माना 10,000 रुपये मांगने को लेकर पैदा हुए विवाद में कथित रूप से तीन लोगों को बेरहमी से पीट-पीट कर घायल कर दिया. सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) वीपी शर्मा ने बताया कि घटना में घायल तीन लोगों का आरोप है कि सड़क पर गंदगी फैलाने के नाम पर नगर निगम कर्मियों ने उनसे जुर्माने के रूप में 10,000 रुपये मांगे और इसका विरोध करने पर नगर निगम कर्मियों ने उन्हें बेरहमी से पीटा.
वीपी शर्मा ने बताया कि पुलिस ने चार नगर निगम कर्मियों और उनके साथियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 323 (मारपीट), धारा 341 (जबरन आम रास्ता रोकना), धारा 294 (गाली-गलौज) और धारा 506 (धमकाना) के तहत मामला दर्ज किया है और तीनों घायलों की मेडिकल जांच कराई गयी है. एसीपी ने बताया कि नगर निगम कर्मियों की ओर से भी तीन घायलों के खिलाफ मारपीट और अन्य आरोपों में मामला दर्ज कराया गया है. शर्मा ने बताया कि दोनों ओर से दर्ज मामलों की जांच की जा रही है.
सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. घटना के बाद मौके पर पहुंचे युवा कांग्रेस के शहर उपाध्यक्ष निखिल वर्मा ने कहा कि घटना के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नगर निगम कर्मी तीनों लोगों के अधमरे होने के बावजूद उन्हें लाठी और लात-घूंसों से बेरहमी से पीट रहे हैं. इसके बावजूद पुलिस ने निगम कर्मियों पर सामान्य मारपीट के कानूनी प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया है.
वर्मा ने चेतावनी दी कि अगर निगम कर्मियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) नहीं जोड़ी गई, तो युवा कांग्रेस धरना-प्रदर्शन करेगी.