नयी दिल्ली : धूमधाम से शादी करने का इरादा रखने वाले अनेक लोगों के ख्वाब अधूरे रह गए हैं. देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के घोषणा के कारण इस अवधि में बहुत से लोगों को अपनी शादी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी है तो कुछ व्यक्ति चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में सात फेरे लेने का विचार कर रहे हैं.
दिल्ली के 26 वर्षीय हर्षद खुराना आठ अप्रैल को शादी करने वाले थे लेकिन अब उन्हें सूझ नहीं रहा कि क्या करें. शादी का आयोजन स्थल तय हो गया था, थीम पर फैसला हो गया था और कुछ दिन पहले शादी का कार्ड बांटने के बाद सूट भी सिलवा लिया था. कोरोना वायरस का कहर बढ़ने और 24 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद शादी को यादगार बनाने की उनकी उम्मीदों को झटका लग गया.
पेशे से जनसंपर्क का काम करने वाले खुराना ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘किसने ऐसा सोचा था? कुछ बचा ही नहीं है…बस उम्मीद है कि चीजें जल्द सामान्य होंगी. कम से कम परिवार के सारे लोग इकट्ठा हो जाएं, यही बड़ी बात होगी.
उन्होंने कहा कि अगर परिवार के ही सारे लोग एक जगह नहीं आ पाए तो फिर शादी के आयोजन का क्या मतलब है. खुराना अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं. अनेक लोग ऐसे हैं जिनके घरों में पिछले कई महीनों से शादी की तैयारियां चल रही थीं. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें. विपुल वर्मा (38) की शादी आगामी 12 अप्रैल को निर्धारित थी. लेकिन उनके लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं
उनके भाई शादी के लिए ऑस्टेलिया से आने वाले थे लेकिन अब पाबंदी के कारण नहीं आ पाएंगे. ऐसे में उन्होंने अपनी शादी टाल दी है. हालात से समझौता करते हुए प्रिया मलिक ने अप्रैल में शादी करने की बजाय अब इसे नवंबर-दिसंबर में करने का फैसला किया है क्योंकि उन्हें विवाह की कोई ‘शुभ तारीख’ नहीं मिल रही.
केपीएमजी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में शादी संबंधी कारोबार लगभग 50 अरब डॉलर का है. कोरोना वायरस के कारण पैदा हालात का असर इसपर भी पड़ने वाला है. शादी के लिए कोई भी परिवार चाहे गरीब हो या अमीर पूरे जतन से पैसे जमा करता है और इस पर लाखों रुपये खर्च करता है.
दिल्ली के मायापुरी में गोल्डन गेट्स बैंक्वेट के प्रबंधक अनमोल बुम्मी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. उनके पास शादी रद्द करने या तारीख बढ़ाने की कई कॉल आई हैं. अप्रैल के लिए उनके पास हर दिन कई बुकिंग थीं लेकिन अब बड़ा सवाल है कि शादी होगी या नहीं.
कई वेडिंग प्लानर्स और कैटरिंग इकाइयों का कहना है कि कारोबार को उबरने में लंबा समय लग जाएगा.