पहले इन मरीजों को हल्का बुखार आया उसके बाद सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा. समय पर इलाज नहीं मिला तो अचानक इनकी मौत हो गयी. कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में अब बड़े शहरों के साथ – साथ छोटे – छोटे गांवों का भी आंकड़ा जुड़ने लगा है. ऐसी ही खबर उत्तर प्रदेश के बरेली के क्यारा गांव का सामने आ रही है .
पिछले 10 दिनों में गांव में लगभग 26 लोगों की मौत हो चुकी है. हैरान करने वाली बात यह है कि इन लोगों में कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं दिखे, पहले हल्का से बुखार आया फिर सांस लेने में तकलीफ शुरू हुई. समय पर इलाज नहीं हुई तो इनकी मौत हो गयी. गांव वाले इस बीमारी को कोरोना संक्रमण नहीं मान रहे लोगों को कहना है कि यह कोई और बीमारी है जिसने उनके गांव को चपेट में ले लिया है.
इस गांव में स्वास्थ्य सुविधा की कोई खास सुविधा नहीं है . गांव में एक अस्पताल जरूर है लेकिन वहां बिस्तरों की संख्या काफी कम है. जिन मरीजों को बिस्तर नहीं मिल रही है उनकी मौत हो रही है. गांव वालों का कहना है कि यहां के डॉक्टर कोई जांच नहीं करते ना ही कोई मदद करते हैं . इसी लापरवाही की वजह से लोगों की मौत हो रही है. यूपी के कई गांव ऐसे हैं जहां की स्वास्थ्य सुविधा इतनी बेहतर नहीं है कि गांव के लोगों को सही इलाज मिल सके.
कहीं डॉक्टरों की कमी है तो किसी गांव में डॉक्टरों पर ज्यादा मरीजों का बोझ ऐसे में उन्हें बेहतर इलाज मिले भी तो कैसे. ऐसे कई गांव हैं जो अपनों की मौत के बाद उसे जला नहीं रहे. कई लोग इन्हें नदियों में बहा रहे हैं. शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से संक्रमण नियंत्रण में रहा लेकिन यह गांवों तक पहुंचा तो लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा साथ ही सरकार के लिए भी परेशानी बढ़ेगी.