Armed Forces Medical Services देश में कोरोना की दूसरी लहर का व्यापक कहर देखने को मिल रहा है. ऐसे में कई राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज हो रही है. मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी और दवाईयों की किल्लत संबंधी कई खबरें भी सामने आ रही है. इन सबके बीच, कोरोना संक्रमित मरीजों को मेडिकल सुविधाएं देने के लिए सेना भी दिन-रात एक कर रही है. इसी कड़ी में अब रक्षा मंत्रालय के आदेश से सेना के रिटायर्ड डॉक्टर एक बार फिर अपनी सेवाएं देश भर के अस्पतालों में देंगे.
बता दें कि कोरोना के खिलाफ जंग से निपटने के लिए सेना पूरी तरह से एक्शन में है. देश के कई इलाकों में ऑक्सीजन की सप्लाई और मेडिकल उपकरणों को जल्द से जल्द पहुंचाने के काम में जुटी सेना के रिटायर्ड डॉक्टर कोरोना के खिलाफ जंग में मोर्चा संभालेंगे. डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए रक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सेवानिवृत्त डॉक्टरों को रीकॉल किया गया है और इन्हें अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, सेना मेडिकल कोर के स्थायी कमीशन और शार्ट सर्विस कमीशन के सेवानिवृत्त डॉक्टरों की कॉन्ट्रैक्ट पर ज्वाइन करा रही है. सेना के सेवानिवृत्त डॉक्टर्स की तैनाती का ग्यारह महीनों के लिए की जा रही है. इसको लेकर शनिवार को आदेश जारी किया था, जिसके बाद साल 2017-2019 के बीच रिटायर हुए डॉक्टर्स को ज्वाइनिंग दी जा रही है. डॉक्टरों के लिए वेतन उनकी अंतिम सैलरी के बेसिक पे और स्पेशलिस्ट अलाउंसेज को जोड़कर दिया जाएगा. कॉन्ट्रैक्ट के तहत ग्यारह महीने के वेतन में कोई बदलाव नहीं होगा. वहीं, चयनित डॉक्टरों को मेडिकल रूप से फिट रहना होगा.
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