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Corona Third Wave in India : कोरोना संक्रमण की तीसरी आहट…

3rd wave covid 19: भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आयी तो अब भी देश में शहरी गरीब और गांवों में रहने वाली आबादी कोरोना संक्रमण से लड़ने में सक्षम नहीं है.

भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आयी तो अब भी देश में शहरी गरीब और गांवों में रहने वाली आबादी कोरोना संक्रमण से लड़ने में सक्षम नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में इसका जिक्र किया था कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना से लड़ने के लिए खुद को मजबूत करना होगा. सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा. पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से भी यही उम्मीद की थी कि ग्रामीण और शहरी गरीब इलाकों में खुद को मजबूत करने की जरूरत है.

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संबोधि नामक संगठन ने कोरोना से लड़ने के लिए देश कितना तैयार है इस पर शोध किया था. इस शोध में आज भी ग्रामीण और शहरी गरीब आबादी संकट में नजर आ रही है. इस शोध में पाया गया है कि आज भी घरों में वह जरूरी सुविधाएं नहीं है जिससे कोरोना पर नियंत्रण किया जा सके. ज्यादातर गरीब घरों में बुखार मापने के लिए थर्मामीटर नहीं है. ग्रामीण इलाकों में भी यही स्थिति देखी गयी है. कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए आपको जरूरी सुविधाएं चाहिए जिससे यह पता चल सके कि कोरोना का खतरा आपके लिए कितना बड़ा है.

इस शोध में पाया गया है कि सिर्फ 9 फीसदी घरों में ही ऑक्सीमीटर है और 3 फीसदी घरों में ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यस्था है. इन सुविधाओं के साथ- साथ लोगों में जानकारी की भी कमी है. शोध में पाया गया कि कोरोना संक्रमण का शिकार होने के बाद कैसे बेहतर ढंग से इससे निपटा जा सकता है इसकी जानकारी महज 40 फीसदी लोगों को है.

यह शोध देश के दस राज्यों में किया गया जिनमें उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, राजस्थान शामिल थे. यह शोध जुलाई 2021 में हुआ जिसमें 7,116 घरों में से सिर्फ 20 फीसदी घरों में ही थर्मामीटर और करीब 50 फीसदी घरों में बुखार और सिरदर्द के लिए दवा मौजूद थी .

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कोरोना संक्रमण के लक्षण क्या है, नये स्वरूप में लक्षण में किस तरह के बदलाव हुए हैं या नये वेरिएंट का शिकार होने पर कैसे पता चलेगा ये सारी जानकारियां उन्हें नहीं पता इस शोध में 35 फीसदी लोगों ने कहा संक्रमण के लक्षण दिखते ही अस्पताल ले जाना चाहिए.

शोध में शामिल विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को लेकर जागरुकता अभियान अभी और तेज करने की जरूरत है. लोगों में जानकारी की कमी तीसरी लहर के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है. देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अगस्त के आखिरी तक आने की संभावना है.

खतरा कितना बड़ा होगा इसे लेकर अलग- अलग शोध हैं लेकिन संक्रमण के मामलों में सुविधाओं की कमी, जानकारी का अभाव अहम भूमिका निभा सकता है. अगर हालात यही रहे तो संभव है कि संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो जाये.

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