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Corona vaccine स्टोरेज की सुविधा वाला देश का पहला अस्पताल बनेगा दिल्ली का राजीव गांधी अस्पताल, MHA ने दी मंजूरी

दिल्ली में पहली COVID-19 वैक्सीन स्टोरेज सुविधा (Covid-vaccine Storage facility) राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी होस्पिटल (Rajiv Gandhi Super Speciality hospital) में स्थापित की जाएगी. इसका चयन केंद्र सरकार द्वारा किया गया है. यह देश का पहला कोविड अस्पताल (Covid Hospital) होगा जहां इस तरह की सुविधा होगी. 5,000 वर्ग मीटर में फैले इस अस्पताल के यूटिलिटी ब्ल़ॉक का इस्तेमाल वैक्सीन को रखने के लिए किया जायेगा. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम पहले ही ब्लॉक का दौरा कर चुकी है और इसे मंजूरी दे चुकी है.

दिल्ली में पहली COVID-19 वैक्सीन स्टोरेज सुविधा राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी होस्पिटल में स्थापित की जाएगी. इसका चयन केंद्र सरकार द्वारा किया गया है. यह देश का पहला कोविड अस्पताल होगा जहां इस तरह की सुविधा होगी. 5,000 वर्ग मीटर में फैले इस अस्पताल के यूटिलिटी ब्ल़ॉक का इस्तेमाल वैक्सीन को रखने के लिए किया जायेगा. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम पहले ही ब्लॉक का दौरा कर चुकी है और इसे मंजूरी दे चुकी है.

इससे पहले केंद्र ने दिल्ली सरकार पत्र लिखकर केंद्र के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कम से कम 5,000 वर्ग मीटर क्षेत्र की एक सुरक्षित जगह की मांग की थी. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटियल के चिकित्सा निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने कहा कि हमने केंद्र को टीकाकरण कार्यक्रम के लिए जरूरत के मुताबिक जगह दे दी है. अब जल्द की केंद्र सरकार अपना काम उसपर शुरू करेगी.

शेरवाल ने अस्पताल के इस हिस्से को बाद में जोड़ा गया है ताकि यहां पर कोल्ड स्टोरेज स्थापित किया जा सके. इस हिसाब से यहां पर बदलाव किये गये हैं ताकि डीप फ़्रीज़र को समायोजित किया जा सके. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटियल के चिकित्सा निदेशक ने कहा कि COVID-19 वैक्सीन स्टोरेज सुविधा के लिए पावर बैकअप के अलावा और इलेक्ट्रिक प्वाइंट्स की जरूरत होगी.

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एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार शहर में मौजूदा कोल्ड चेन सिस्टम का इस्तेमाल कोविड वैक्सीन के टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए और अन्य वितरण और आपूर्ति श्रृंखला के लिए करेगी. इस बीच, सरकार पहले चरण में उन्हें टीका लगाने के लिए COVID 19 के प्रसार का मुकाबला करने में सबसे आगे आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का एक डेटाबेस तैयार कर रही है. इस डाटाबेस में सीमावर्ती कार्यकर्ताओं में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र में डॉक्टर, नर्स, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, सहायक नर्स मिडवाइव्स (एएनएम) शामिल होंगे.

गौरतलब है कि पिछले महीने, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को 31 अक्टूबर तक बैकएंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं और अन्य सहायक नेटवर्क विकसित करने की योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा था.

Posted By: Pawan Singh

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