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लॉकडाउन नहीं होता तो 1 लाख के पार हो सकते थे कोरोना के मामले : स्वास्थ्य मंत्रालय

लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो कोविड-19 के मामले एक लाख तक हो सकते थे लेकिन भारत में अभी यह महामारी नियंत्रण में है. यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 491 लोग स्वस्थ हुए हैं. शुरुआत से लेकर अब तक करीब 4748 ठीक हुए हैं.

नयी दिल्ली : भारत में अगर लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता, तो कोविड-19 के मामले एक लाख तक हो सकते थे, लेकिन अभी यह महामारी नियंत्रण में है. यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया पिछले 24 घंटे में 491 लोग स्वस्थ हुए हैं और शुरुआत से लेकर अबतक करीब 4748 ठीक हो चुके हैं.

उन्होंने बताया कि ठीक होने का फीसद अब 20.57% हो गया है. बीते 24 घंटे के दौरान COVID 19 के 1684 पॉजिटिव नये मामले सामने आये हैं. देशभर में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 23,077 हो गई है. देश में 80 जिले ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले 14 दिनों में कोई नया मामला दर्ज नहीं किया गया है. पिछले 28 दिनों से जिन जिलों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है उनकी संख्या भी बढ़कर 15 हो गई है.

संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, हमारे लिए जरूरी है कि सरकार द्वारा बनाये गये नियमों का पालन करें. इन जिलो में कोई नया मामला ना आये और नये जिले इस श्रेणी से जुड़े. स्वास्थ्य मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य को धन्यवाद दिया है. राज्य से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है इस बीमारी के साथ कोई भ्रम ना फैले, यह भी एक बीमारी है. रेड क्रॉस को स्वास्थ्य मंत्री ने सुझाव दिया है कि ज्यादा रक्तदान को प्रोत्साहित करने के लिए घर से पिकअप और ड्राप की सुविधा भी दी जानी चाहिए.

वहीं, संयुक्त सचिव सलिला श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत ही उन अफवाहों पर लगाम लगाते हुए किया, जिसमें कंपनी में कोरोना पॉजिटिव पाये जाने पर कंपनी बंद करने और जेल का प्रावधान है जो गलत है, अफवाह है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि इस संबंध में सही जानकारी पहुंचाएं. गलत व्याख्या की वजह से आशंका थी कि फैक्ट्री में कोविड-19 केस मिलने पर फैक्ट्री के CEO को सज़ा हो सकती है या फैक्ट्री 3 महीने के लिए सील हो सकती है. इसलिए कल गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत 6 इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीमों (IMCT) का गठन किया था, COVID19 की स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने 4और IMCT का गठन किया है, जो अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई भेजी जा रहीं हैं. पहले जा चुकी इंदौर की टीम ने निर्धारित स्थान तक पहुंचकर काम शुरू कर दिया है.

टीम ने पाया है कि पीपीई किट्स, मास्क और अन्य सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं. स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है, टीम ने क्वारेंनटाइन सेंटर, हेल्थ सेंटर, अस्पताल, कैंपस पीडीएस की दुकान सहित कई जगहों का दौरा किया है. प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. टीम यह देख रही है कि टेस्टिंग और मॉनरटिंग को बढ़ाया जाए. टीम ने वरिष्ठ अधिकारी और मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की.

मुंबई की टीम ने धारावी का दौरा किया है. यहां लोग सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए लोगों को घर से निकलना पड़ता है. आईएमसीटी ने सुझाव दिया है कि 2 हजार से 3 हजार लोगों के लिए सुविधा दी जाए. यहां की टीम ने मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है.

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ सुजीत सिंह ने बताया कि आज हमारा डबलिंग टाइम 9 दिन तक पहुंच गया है, जो ये दिखाता है कि महामारी तेज गति से फैल रही थी. इससे पता चलता है कि हम किस हद तक इस बीमारी पर काबू पाने में सफल रहे हैं. इंपावर्ड ग्रुप वन के चेयरमैन ने कहा, हम बहुत प्रभावी तरीके से इस वायरस पर काबू पाने में सफल हो रहे हैं. हम 9 दिन पर डबलिंग कर रहे हैं. हम खुशी से बताना चाहेंगे कि यह डबलिंग 10 दिन से हो रही है, यह बड़ी उपलब्धि है, आगे और फायदे होंगे. यह ग्राफ है जो रिसर्च करने वाले बताते हैं.

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