मुंबई : महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने शनिवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का निर्णय लिया. इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है जबकि कुछ क्षेत्रों में उसे और कड़ा किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि 30 अप्रैल के बाद पाबंदियां पूरी तरह हटाने का निर्णय स्थिति के आधार पर लिया जाएगा. मालूम हो लॉकडाउन बढ़ाने वाला पहला राज्य ओडिशा बना, जिसने सबसे पहले लॉकडाउन को बढ़ाकर 30 अप्रैल किया. उसके बाद पंजाब ने भी बढ़ाया.
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया है कि फिलहाल महाराष्ट्र में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक जारी रखेगा. उद्धव ने कहा, सोमवार को हम पांच सप्ताह पूरा करेंगे जब कोरोना का पहला मामला राज्य में आया था. हम यह कह सकते हैं कि हम अबतक कोरोना के संक्रमण को तेजी से बढ़ने से रोकने में कुछ हद तक सफल रहे हैं. मुंबई ही सबसे ज्यादा प्रभावित है मुंबई में कोरोना के 218 नए मामले सामने आए. इसी शहर में 10 मरीजों ने दम तोड़ा है . अकेले सिर्फ इस शहर में 64 लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है.
देशभर में 14 अप्रैल के पहले लॉकडाउन की अवधि खत्म हो रही है ऐसे में कई राज्य हैं जिन्होंने अपने यहां के हालात को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी है ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने प्रदेश को 30 अप्रैल तक बंद करने का आदेश दे दिया. दूसरे नंबर पर पंजाब है जिसने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला पहले ही ले लिया था. अब महाराष्ट्र भी उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया जिन्होंने लॉकडाउन आगे बढ़ाने का फैसला लिया है.
महाराष्ट्र में लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला बेहद अहम रहा है. क्योंकि कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव जिन राज्यों पर पड़ा है उनमें से एक महाराष्ट्र भी है यहां 1574 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से 110 लोगों की मौत हो चुकी है. यह पूरे देश का 20 प्रतिशत है. राज्य में हुई मौत का जिक्र करतें तो यह देशबर में कोरोना की वजह से हुई मौतों का 43 प्रतिशत है.
देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले राज्य पर कोरोना का असर तो पड़ा ही है लेकिन इस लॉकडाउन से राज्य को काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ है. महाराष्ट्र देश की जीडीपी में 15 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखता है और लॉकडाउन के कारण सारी इंडस्ट्रियल ऐक्टिविटी बंद है.