नयी दिल्ली : सेना ने कोरोना वायरस के मद्देनजर देश में अगले महीने आपातकाल लागू करने की संभावना से जुड़े सोशल मीडिया संदेशों को फर्जी करार देते हुए खारिज कर दिया है.
सेना के अधिकारियों ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सेवानिवृत कर्मियों, नेशनल कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत पंजीकृत स्वंयसेवकों की मदद लेने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.
सेना के जन सूचना विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजीपीआई) ने ट्वीट किया, ”सोशल मीडिया पर अप्रैल के मध्य में देश में आपातकाल लगाने और नागरिक प्रशासन में मदद के लिये भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों, एनसीसी और एनएसएस की सहायता लेने के फर्जी और दुर्भावनापूर्ण संदेश फैलाये जा रहे हैं. एडीजीपीआई ने ट्वीट किया, ”स्पष्ट किया जाता है कि यह पूरी तरह फर्जी हैं.
Fake & malicious messages are circulating on social media about likely declaration of emergency in mid-April & employment of Indian Army, veterans, National Cadet Corps and National Service Scheme to assist the civil admn. It's clarified that this is absolutely fake: Indian Army pic.twitter.com/CTM1SOpVBy
— ANI (@ANI) March 30, 2020
फर्जी मैसेज वायरल होने का ये कोई पहला मामला नहीं इससे पहले सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ था कि सेना सामूहिंक अंतिम सस्कार करने की ट्रेनिंग ले रही है. इस मैसेज में कहा जा रहा था कि सेना को यह ट्रेनिंग इसलिए दिलवाई जा रही है कि कोरोना से मरने वालों का अंतिम सस्कार किया जा सकें. सेना ने इसे भी फर्जी बताया था.
कोरोना वायरस से आई महामारी के बाद सरकार ने पूरे देश में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया है. देश के सभी राज्यों में पूरी तरह से बंदी है. कई राज्यों में हालात को देखते हुए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. इसी दौरान सोशल मीडिया पर कई तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनमें फेक मैसेज और फेक न्यूज की संख्या बहुत ज्यादा है.
बता दें, इस दिनों भारतीय सेना कोरोना की लड़ने के लिए ऑपरेशन नमस्ते चला रही है. इसकी घोषणा खुद सेना प्रमुख नरवणे ने की थी वहीं देश में सोमवार को कोरोना वायरस मामलों की संख्या बढ़कर 1071 तक पहुंच गयी है और 29 लोगों की मौत हो चुकी है.