आईसीएसई बोर्ड (ICSE) ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं. ‘काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन’ (सीआईसीएसई) के मुख्य कार्यकारी गैरी अराथून ने बताया कि परीक्षाएं 31 मार्च तक स्थगित कर दी गई हैं। सीबीएसई के 31 मार्च तक परीक्षाएं स्थगित करने के बाद बुधवार को उन्होंने कहा था कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही होगी. सीबीएसई ने बताया 31 मार्च के बाद परीक्षा की नयी तारीख तय होगी.
बता दें कि इससे पहले स्कूल और कॉलेजों को बंद किया गया था. इसके साथ ही, सभी मूल्यांकन का काम इस महीने के बाद करने के मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिए गए हैं. इससे पहले स्कूल और कॉलेजों को बंद किया गया था. इसके साथ ही, सभी मूल्यांकन का काम इस महीने के बाद करने के मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कोरोना के भारत में बढ़कर 151 मामले होने की पुष्टि की है, जिनमें 25 विदेशी भी शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, भारत में कोरोना के 151 मामले सामने आए हैं. दुनियाभर में इसके मामले बढ़कर 2 लाख के पार हो चुके हैं जबकि 157 देशों में यह महमारी फैल कर अब तक 8,010 लोगों की जान ले चुकी है.
कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर आईआईटी और इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले के लिये होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई..मेन) बुधवार को स्थगित कर दी गई. यह जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने दी. परीक्षा पहले पांच से 11 अप्रैल के बीच होनी थी. एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नयी तिथि पर निर्णय बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी तारीखें आपस में न टकरायें.
कोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि पीठ केवल उन्हीं अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई करेंगी जिन्हें सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया है. इससे पहले दिन में, ‘सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन’ के पदाधिकारियों ने न्यायालय के महासचिव से यह सुनिश्चित करने के लिए परिपत्र जारी करने की अपील की थी कि वकील केवल अत्यावश्यक मामलों का ही जिक्र करें. बार निकाय ने रजिस्ट्री का कामकाज भी कम किए जाने की अपील की थी. इससे पहले मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायालय के तीन अन्य न्यायाधीशों ने कोरोना वायरस से खतरे के मद्देनजर शीर्ष न्यायालय में अपनाये गये सुरक्षा उपायों तथा तैयारियों का जायजा लिया था.