नयी दिल्ली : चीन से पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मंगलवार को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और डीजीसीए की ओर से एडवाइजरी जारी की गयी है. इसमें भारतीय नागरिकों से चीन समेत कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा करने से बचने की अपील की गयी है. दरअसल, कोरोना वायरस के संभावित खतरों से निपटने के लिए कैबिनेट सचिव ने रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलायी थी. इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, हेल्थ रिसर्च और एनडीआरएफ विभाग के अधिकारी शामिल थे.
अपने नये ट्रेवल एडवाइजरी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय चीन की यात्रा करने से बचें. अगर यात्रा करनी जरूरी हो, तो चीन से लौटने के बाद उन्हें अलग रखा जा सकता है. अगर कोई 15 जनवरी 2020 से चीन यात्रा पर गया है या लौटा है, तो उसे अलग रखा जा सकता है. वहीं, गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, ई-वीजा पर चीन में रहने वाले अन्य देशों के नागरिकों की भारत की यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है.
उधर, भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के मद्देनजर डीजीसीए ने मंगलवार को सभी एयरलाइन और हवाई अड्डों को चालक दल के सदस्यों और यात्रियों को सर्जिकल मास्क और दस्ताने देने के साथ टर्मिनल पर हाथ धोने के कई स्थान बनाने जैसे विशेष कदम उठाने का आदेश दिया है. विमानन नियामक डीजीसीए ने सभी हवाई अड्डों और एयरलाइनों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दक्षिण कोरिया, जापान और इटली से आने वाले विमान विसंक्रमण की प्रक्रिया से होकर गुजरें. यह प्रक्रिया दूसरी यात्रा के लिए यात्रियों के उसमें चढ़ने से पहले पूरी की जाए.
डीजीसीए ने एक सर्कुलर में कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (आने-जाने वाली दोनों) से जुड़े हवाई अड्डे के ग्राउंड स्टाफ के पास निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई-जैसे की मास्क और दस्ताने) होने चाहिए और प्रत्येक उड़ान के बाद इनका उचित निस्तारण किया जाना चाहिए. उसने कहा कि पीपीई में सर्जिकल मास्क, दस्ताने, एक बार इस्तेमाल होने वाले जूते के कवर जैसे सुरक्षात्मक उपकरण आते हैं.