Coronavirus lockdown, outbreak in india: नयी दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है. 24 घंटे में अब कोरोना के नये मामले 2 हजार से अधिक आने लगे हैं. इसका मतलब है कि संक्रमण में तेजी आयी है. दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में कोरोना हार रहा है. यहां कोरोना के मामले 12 दिनों में दोगुने हो रहे हैं. इसके अलावा अन्य देशों की तुलना में यहां मौत का औसत भी बहुत कम है.
हालांकि एक अध्ययन की मानें तो भारत में कोरोना का कहर अभी देखना बाकी है. एक अध्ययन में बताया जा रहा है कि देश में जून के आखिर में कोरोना पीक पर रहेगा. हालांकि अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कोरोना के खिलाफ जंग में लॉकडाउन का काफी असर हुआ है.
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कोलकाता के बेस्ड इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन ऑफ साइंस ने कोरोना वायरस की रफ्तार और लॉकडाउन की स्थिति को समझने के लिए एक अध्ययन किया है. उसी अध्ययन के आधार पर कहा जा रहा है कि जून के आखिर में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होगा.
अध्ययन बायो कंप्यूटैशनल मॉडलिंग पर आधारित बताया जा रहा है. जिसमें संक्रमण की दरों में आये बदलावों के अधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है. इस अध्ययन में मॉडल के कर्व और रिप्रोडक्शन नंबर के आधार पर दावा किया जा रहा है जून के आखिर तक भारत में कोरोना संक्रमण का दौर चरम पर होगा और यहां संक्रमितों की संख्या डेढ़ लाख के करीब हो सकती है.
अध्ययन में दावा किया जा रहा है कि अगर देश में समय पर लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो यह स्थिति मई के आखिर में ही आ गया होता. लॉकडाउन के कारण कोरोना के कहर को करीब एक माह के लिए आगे बढ़ाया जा सका है.
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इससे पहले एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में लॉकडान जुलाई तक जारी रहेगा. अमेरिका की बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप यानी बीसीजी ने जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी से मिले डेटा के आधार पर कहा था कि चीन को छोड़कर दुनिया के 20 देशों में जुलाई तक लॉकडाउन जारी रहेगा. अध्ययन के आधार पर कहा गया है कि अगर लॉकडाउन में थोड़ी भी ढील दी जाती है तो कोरोना के संक्रमण को रोक पाना काफी मुश्किल हो जाएगा. फिलहाल भारत में इस वक्त 17 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है.