coronavirus second wave in india: देश में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम ही नहीं ले रही है और अब तो स्थिति यह है कि रोज एक लाख केस आने लगे हैं, ये हालात हमें सितंबर 2020 की ओर ले जा रहे हैं जब देश में प्रतिदिन एक लाख केस आ रहे थे, लेकिन दिसंबर जनवरी में हालात बदले और मामले दस हजार तक भी पहुंचे, लेकिन फरवरी 2021 में कोरोना ने फिर रफ्तार पकड़ी और मामले एक लाख के पार तक पहुंच गये.
कोरोना की दूसरी लहर बहुत खतरनाक है और इसका प्रसार भी बहुत तेजी से हो रहा है. इंसान जब बोलता है चिल्लाता है और लोगों से मिलता-जुलता है, तो वह जाने-अनजाने में इंफेक्शन फैलाता है. पिछले साल लोग कोरोना को लेकर गंभीर थे वे मास्क पहनते थे, सोशल डिस्टेसिंग करते थे, लेकिन इस साल लोग लापरवाह हैं वे ना तो मास्क पहनते हैं और ना ही उन्हें कोरोना का डर है. यही वजह है कि कोरोना को अपनी दूसरी लहर को विस्तार देने का मौका मिल गया है.
लाॅकडाउन के बाद जब अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू हुई और लोगों को शादी, श्राद्ध और अन्य जुटान वाले कार्यक्रमों में भाग लेने की छूट मिली तो वे लापरवाह होते गये. रेल, बस और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोरोना नियमों का अंधाधुंध उल्लंघन हुआ.
इस बार देश में कोरोना के यूके वैरियेंट का तेजी से फैलाव हुआ है. वायरस का ये स्ट्रेन आसानी से संक्रमण फैलाता है और इसके कारण मृत्यु भी अधिक होती है. देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार चार सौ से अधिक लोगों की मौत प्रतिदिन हो रही है.
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आज जबकि कोरोना की दूसरी लहर देश में चल रही है, सबके मन में यह सवाल है कि क्या कोरोना का वैक्सीन बीमारी पर कारगर है. सरकार वैक्सीनेशन पर बहुत जोर दे रही है आईएमए ने भी वैक्सीन देने पर जोर दिया है ऐसे में यह जरूरी सा प्रतीत होता है कि वैक्सीन लगवाया जाये. हालांकि वैक्सीन को लेकर भी कई नकारात्मक खबरें आती हैं जो अविश्वास पैदा करती हैं. ICMR और सीरम इंस्टीट्यूट ने भी यह दावा किया है कि वैक्सीन कारगर है. कम से कम वैक्सीन लेने से वायरस का कम से कम प्रभाव व्यक्ति पर होता है और उसकी मौत नहीं होती है.
Posted By : Rajneesh Ananad