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Covid 3rd wave : कोरोना तीसरी लहर की दस्तक ?

Coronavirus Third wave दुनियाभर में कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है. कई देशों में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है तो कई देशों में आंकड़े एक बार फिर बढ़ने लगे हैं

  • कोविड संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक

  • कोरोना वायरस संक्रमण 24 घंटे के आंकड़े

  • कोरोना के नये वेरिएंट बढ़ते खतरे की तरफ इशारा

भारत में एक दिन में कोरोना संक्रमण के 41,383 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,12,57,720 पर पहुंच गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,09,394 दर्ज की गयी और इस बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में यह लगातार दूसरे दिन वृद्धि है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार , देश में 507 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,18,987 हो गयी है.

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है. कई देशों में कोविड संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है तो कई देशों में आंकड़े एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. सबसे पहले आंकड़े पर गौर करें तो वर्ल्डमीटर के आंकड़े के अनुसार दुनियाभर में 192,788,882 नये मामले सामने आये 4,141,891 लोगों की मौत हो गयी.

देश और दुनिया में सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में है और दूसरे नंबर पर भारत है. भारत में पिछले 24 घंटे के आंकड़े पर गौर करें तो पायेंगे कोरोना संक्रमण के 42,015 नये मामले सामने आये हैं. वहीं इन आंकड़ों के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या देश में 3,12,16,337 हो गयी थी इसमें मौत का आंकड़ा सबसे ज्यादा चौकाने वाला है 3,998 लोगों की मौत पिछले मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 4,18,480 हो गई है.4 घंटे में दर्ज की गयी.

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आंकड़ों से जाहिर है कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण का मामला कम नहीं हुआ है आंकड़े कम जरूर हुए हैं लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है. दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की चर्चा तेज है. भारत में कोरोनावाइरस संक्रमण के मामलो में अप्रैल में तेजी आयी थी इससे पहले ब्रिटेन, फ्रांस और इटली जैसे देशों में कोविड ने कहर बरपाया. भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया. कोरोनावाइरस थर्ड वेव का खतरा नये वेरिएंट के साथ बढ़ रहा है. दुनिया भर में कोरोना के नये वेरिएंट जिनमें डेल्टा, डेल्टा प्लस, कप्पा और लैम्ब्डा वेरिएंट बढ़ते खतरे की तरफ इशारा कर रहे हैं.

कई देश हैं जहां इस नये वेरिएंट की वजह से मामले बढ़ रहे हैं. दुनिया भर में कई विशेषज्ञ इसे तीसरी लहर से जोड़कर देख रहे हैं मुख्य रुप से जिन देशों में हालात नियंत्रण से बाहर जा रहे हैं उनमें इंडोनेशिया, फिलीपींस, साउथ कोरिया शामिल है इनके साथ – साथ कई देश हैं जहां सख्त लॉकडाउन लगाकर कोरोना संक्रममण की थर्ड वेव से बचने की कोशिश की जा रही है इनमें मुख्य रूप से वितयनाम, थाईलैंड, और साउथ कोरिया जैसे देश शामिल है जहां कड़ा प्रतिबंध है. भारत के पड़ोस में खतरा बढ़ रहा है इस बढ़े हुए खतरे का असर स्पष्ट तौर पर भारत पर पड़ेगा. दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन की कमी है कई देशों में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम है.

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है. कई यूरोपीय देश जिन्होंने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन में राहत दी थी एक बार फिर पाबंदियों की तरफ बढ़ रहे हैं. ब्रिटेन में विंबलडन के आयोजन में स्टेडियम में अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही थी वहां भी धीरे – धीरे संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गयी. ब्रिटेन में कोरोना के नये वेरिएंट का खतरा बढ़ गया है जून के आखिर में जहां आंकड़े 5 हजार के करीब पहुंच गये थे वहां अब आंकड़े बूढ़ने लगे हैं ब्रिटेन में एक्टिव केस का आंकड़ा 8 लाख को पार कर गया है.

अमेरिकी अध्ययन की रिपोर्ट में. भारत के विभाजन के बाद यह किसी त्रासदी में मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है. वाशिंगटन के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए सीरोलॉजिकल अध्ययनों, घर-घर जाकर किये गये सर्वेक्षणों, नगर निकायों के आधिकारिक आंकड़ों और अंतरराष्ट्रीय आकलनों का इस्तेमाल किया है.

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वाशिंगटन के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट द्वारा मंगलवार को जारी हुई रिपोर्ट की मानें, तो चार लाख के सरकारी आंकड़े से कई गुना ज्यादा मौंतें कोविड से हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सात राज्यों के नगर निकायों में हुए मृत्यु पंजीकरण से ही निष्कर्ष निकालें, तो 34 लाख से ज्यादा मौतें कोविड से हुई हैं.

एक अन्य गणना में उम्र आधारित इंफेक्शन फैटेलिटी रेट (आइएफआर) का इस्तेमाल किया गया. इस हिसाब से 40 लाख के आसपास लोगों की मौत हुई. रिपोर्ट में तीसरी गणना कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे पर आधारित है. इस सर्वे में सभी राज्यों से आठ लाख व्यक्तियों को शामिल किया गया. इससे जो अनुमान निकल कर आया है, वह 49 लाख से ज्यादा मौतों का है.

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