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क्या फेल हो जायेगा लॉकडाउन? पीएम कर रहे मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

Coronavirus Will the lockdown fail : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 तारीख की रात 12 बजे से संपूर्ण देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना से पीड़ितों का आंकड़ा जिस तरह से बढ़ा है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश में लॉकडाउन का लक्ष्य नहीं साधा जा सकेगा. आज पीएम नरेंद्र मोदी देश के मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं, ताकि स्थिति को काबू में किया जा सके.

Coronavirus के खिलाफ जंग जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 तारीख की रात 12 बजे से संपूर्ण देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना से पीड़ितों का आंकड़ा जिस तरह से बढ़ा है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश में लॉकडाउन का लक्ष्य नहीं साधा जा सकेगा. आज पीएम नरेंद्र मोदी देश के मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं, ताकि स्थिति को काबू में किया जा सके.

ज्ञात हो कि देश में कोरोना का पहला मरीज 30 जनवरी को सामने आया था. यह मरीज एक 20 साल की युवती थी जो 25 तारीख को चीन के वुहान शहर से लौटी थी. पूरे दो महीने के बाद देशभर में कोरोना पीड़ितों की संख्या 1965 हो गयी है. जिस दिन सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी उस दिन देश में लॉकडाउन की घोषणा हुई उस दिन कोरोना से देश में 10 लोगों की मौत हुई थी और कुल 519 लोग संक्रमित हुए थे. लेकिन दिल्ली निजामुद्दीन की घटना के बाद मात्र तीन दिनों में देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1965 हो गयी है और कुल 50 लोगों की मौत हो गयी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल जानकारी दी थी कि पिछले 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी और कुल 386 नये मामले सामने आये. मंत्रालय द्वारा गुरुवार सुबह जारी किए आकंड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के नौ नये मामले सामने आए, जिनमें से चार महाराष्ट्र, तीन मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश तथा पंजाब से एक-एक मामला आया.

देश में जिस रफ्तार से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, सरकार परेशान है और लोग दहशत में हैं. इसलिए आज सख्त कदम उठाने के लिए पीएम मोदी मुख्मंत्रियों से बातचीत कर रहे हैं. लॉकडाउन लागू होने के बाद से जिस तरह इसका उल्लंघन हो रहा है लोगों से मन में यह डर पैदा हो गया है कि शायद लॉकडाउन फेल हो जाये. सबसे पहले यह डर पैदा किया प्रवासी मजदूरों ने जो दिल्ली से पलायन करने लगे. दिल्ली से लाखों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने गांव की ओर चल दिये. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस स्थिति पर चिंता जतायी थी और कहा था कि ऐसे में तो लॉकडाउन का उद्देश्य ही फेल हो जायेगा.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रवासी मजदूरों को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन वे नहीं रूके. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार यह अपील की कि जो मजदूर जहां हैं वहीं रूक जायें, लेकिन नतीजा सिफर निकला. उसके बाद दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से हजारों लोग एक मरकज में शामिल हुए. जिसके बाद लगातार देश में कोरोना पॉजिटिव के मामले बढ़ रहे हैं. सरकार परेशान इसलिए है कि इस धार्मिक आयोजन में दो हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे और वे देश के विभिन्न हिस्सों में गये हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

यही कारण है कि सरकार ने यह आदेश जारी किया है कि किसी भी धार्मिक स्थल पर भीड़ ना लगायी जाये, कई बड़े मंदिर पहले ही बंद कर दिये गये हैं. बावजूद इसके कोरोना का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. प्रवासी मजदूरों से भी ज्यादा खतरा मरकज में शामिल हुए लोगों से है, क्योंकि यहां जो लोग शामिल हुए उनका विदेश भ्रमण का इतिहास है. भारत में ज्यादातर मामले वैसे ही सामने आये हैं जिनका विदेश भ्रमण का इतिहास रहा है. महाराष्ट्र के धारावी बस्ती में कल एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और आज एक व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है. जिस व्यक्ति की मौत हुई वह कभी विदेश नहीं गया था. इस बस्ती में सघन आबादी है ऐसे में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका बढ़ गयी है. पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में इसी बात पर फोकस किया है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोका जाये. ऐसे में यह सवाल सबके मन में है कि क्या लॉकडाउन फेल हो जायेगा?

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