नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के इस दौर से दुनिया के कई बड़े देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए है. इस बीच रूस ने कोरोना का वैक्सीन बना लेने का दावा किया है. वहीं दुनिया के कई बड़े देशों में रूस पर कोरोना के वैक्सीन का फार्मूला चुराने का आरोप लगाया है. ब्रिटेन, अमेरिका और कनाड ने रूस पर वायरस के वैक्सीन की जानकारी चुराने का आरोप लगाया है.
ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने आरोप लगाया है कि रूस कोविड-19 का टीका विकसित करने में जुटे अनुसंधानकर्ताओं से इस बारे में सूचना चोरी करने का प्रयास कर रहा है. तीन देशों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि हैकिंग करने वाला समूह ‘एपीटी29’ कोरोना वायरस के टीके को विकसित करने में जुटे एकेडेमिक और चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों में हैकिंग (डिजिटल सेंधमारी) कर रहा है.
इसके साथ ही कहा कि कोजी बियर नाम से भी पहचाने जाने वाला यह समूह रूस की खुफिया सेवा का हिस्सा है. खुफिया अधिकारी लगातार हो रही इस सेंधमारी को बौद्धिक संपदा की चोरी के तौर पर देख रहे हैं. वे इसे टीके के अनुसंधान में केवल रूकावट नहीं मानते हैं. ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने इस बाबत घोषणा की, जिसने अमेरिका और कनाडा के विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया था.
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हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि क्या कोई सूचना वाकई में चोरी की गयी, लेकिन राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने कहा कि माना जाता है कि किसी की व्यक्तिगत गोपनीय सूचना के साथ समझौता नहीं किया गया. वाशिंगटन ने कोजी बीयर हैकिंग समूह के बारे में पहचान की थी कि यह कथित तौर पर रूसी सरकार से संबंधित दो हैंकिंग समूह में से एक है.
इसने डेमोक्रटिक नैशनल कमेटी के कम्प्यूटर नेटवर्क में सेंधमारी की थी और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ईमेल चोरी किये थे. आपको बता दें के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया था. ट्रंप ने कहा था कि रूस ने साइबर हमला कर चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया है.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.