Covid-19 Vaccine,India : कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया तबाह है. अब सबको इंतजार है तो कोरोना वायरस की वैक्सीन का… ताकि तेजी से पांव पसारते इस वायरस से निजात मिल सके. दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक इस प्रयास में हैं कि जल्द से जल्द इस महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन विकसित किया जाए. इन देशों में भारत का भी नाम शामिल है. दवा कंपनी जायडस कैडिला ने कहा कि उसने अपने कोविड- 19 के संभावित टीके ‘जायकोव- डी’ का मानव चिकित्सकीय परीक्षण शुरू कर दिया है. आइए जानते हैं कौन-कौन से देश वैक्सीन बनाने के प्रयास में हैं….
भारत कहां तक पहुंचा इस काम में : भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला ने कहा है कि उसने अपने कोविड- 19 के संभावित टीके ‘जायकोव- डी’ का मानव चिकित्सकीय परीक्षण शुरू कर दिया है. परीक्षण के विभिन्न चरणों में कंपनी देश में विभिन्न चिकित्सकीय अध्ययनों में 1,000 लोगों पर इसका परीक्षण करेगी. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच जायडस कैडिला को इस महीने के शुरू में घरेलू प्राधिकरण से कोविड- 19 टीके के मानव परीक्षण के लिये मंजूरी मिल गई थी. यह दूसरी भारतीय कंपनी है जिसे इसकी अनुमति मिली है. इससे पहले भारत बायोटेक को उसके द्वारा तैयार टीका ‘कोवैक्सिन’ के मानव परीक्षण के लिये मंजूरी मिली है.
अमेरिका में जल्द शुरू होंगे अंतिम ट्रायल: अमेरिका में मॉडर्ना ने कहा है कि वह 27 जुलाई के आसपास मानव परीक्षण के अंतिम चरण का प्लान तैयार कर रही है. वह 87 स्थानों पर ट्रायल करेगी. अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना का दावा है कि कोविड-19 के इस वैक्सीन का पहला ह्युमैन ट्रायल बहुत ही शानदार तरीके से सफल रहा. करीब 45 लोगों को यह वैक्सीन लगाया गया, जिसके बाद उन लोगों में यह दवा इम्युन पैदा करने में सफल रही है और इसे सुरक्षित भी पाया गया. कंपनी ने यह भी दावा किया है कि इस वैक्सीन ने हरेक आदमी के अंदर कोरोना से जंग लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित भी किया.
रूस ने किया ये दावा : इधर, रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन अगस्त में लांच कर दी जाएगी. गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा है कि 12 से 14 अगस्त तक वैक्सीन लोगों को दी जाने लगेगी.
ब्रिटेन ने कही ये बात : कोरोना वायरस वैक्सीन मामले में ब्रिटेन से भी उम्मीद है. यहां दो संभावित वैक्सीन उम्मीद जगाने का काम कर रही है. एक को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेंस द्वारा विकसित किया जा रहा है जो तीसरे चरण में हैं. वहीं दूसरे को इंपीरियल कॉलेज लंदन द्वारा विकसित किया जा रहा है और यह अभी दूसरे चरण में है.
चीन का हाल: जिस देश ने दुनिया को कोरोना वायरस दिया, वह देश भी कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने में लगा है. जी हां, चीन में चार संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित की जा रही हैं. वुहान इंस्टीट्यूट और सीनाफॉर्म्स दूसरे चरण में हैं जबकि सिनोवैक और इंस्टीट्यूटो बुटेंटेन वैक्सीन को विकसित करने के तीसरे चरण में हैं.
अन्य देश भी प्रयास में: जर्मनी की बात करें तो यहां बायोएनटेक, पीफाइजर और फोसन फार्मा संभावित वैक्सीन बनाने के दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया का वैक्सीन पैटी लिमिटेड और मेडिटॉक्स पहले चरण में है.
बिल गेट्स ने कहा : माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कहा है कि मुझे विश्वास है कि भारत के दवा उद्योग को कोरोना की वैक्सीन बनने में सफलता मिलेगी जिससे दुनिया के दूसरे देशों को भी राहत मिलेगी. गेट्स के मुताबिक, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 115 वैक्सीन पर काम चल रहा है. इनमें से 6 भारतीय कंपनियां हैं.
Posted By : Amitabh Kumar