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Covishield Banned : भारत में बनी कोविशील्ड पर यूरोप के कई देशों ने लगाया प्रतिबंध, वैक्सीनेशन के बाद खून जमने की शिकायत

डेनमार्क के बाद कई देशों में ऑक्सफोर्ड अस्ट्राजेनिका कोविड 19 वैक्सीन पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद लोगों ने खून जमने की शिकायत की जिसके बाद कई देशों की सरकार ने यह फैसला लिया गया.

  • कोविशील्ड वैक्सीन पर यूरोप के कई देशों में लगी बैन

  • बैन को लेकर क्या है कंपनी की प्रतिक्रिया

  • किन – किन देशों में कहां और क्यों लगाया गया प्रतिबंध

भारत में इस्तेमाल की जो रही कोविशील्ड वैक्सीन कई देशों में प्रतिबंधित कर दी गयी है. इस वैक्सीन को दूसरे जगहों पर अस्ट्राजेनिका कोविड 19 वैक्सीन के नाम से जाना जाता है. दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट पुणे में इसे तैयार किया गया है.

डेनमार्क के बाद कई देशों में ऑक्सफोर्ड अस्ट्राजेनिका कोविड 19 वैक्सीन पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद लोगों ने खून जमने की शिकायत की जिसके बाद कई देशों की सरकार ने यह फैसला लिया गया.

अचानक क्यों लगायी गयी रोक 

वैक्सीन पर यूरोपीय यूनियन रेगुलेटरी ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं. डेनमार्क ने इस वैक्सीन पर बृहस्पतिवार को रोक लगायी यहां भी वैक्सीन लेने के बाद खून जमने की शिकायत और इनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गयी. इसके तुरंत बाद डेनमार्क ने रोक लगायी इनके साथ- साथ नोर्वे, आइसलैंड ने भी रोक लगा दी. इन देशों ने यह नहीं बताया है कि यह रोक कबतक जारी रहेगी.

डेनमार्क के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा 

डेनमार्क के स्वास्थ्य मंत्री मैग्नस हुनिके ने बताया कि इस वैक्सीन पर प्रतिबंध सुरक्षा के मद्देनजर लगायी गयी है. हमने इस पर तुरंत फैसला लिया, इस पर लगातार जांच की जरूरत रहती है. उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन पर यह प्रतिबंध अस्थायी है. डेनमार्क के नेशनल बोर्ड ऑफ हेल्थ के डायरेक्टर सोरेन ब्रॉस्ट्रॉम ने इस मसले पर कहा, डेनमार्क के इतिहास में यह अबतक की सबसे बड़ी वैक्सीनेशन है.

आसान नहीं था प्रतिबंध लगाने का फैसला

इस वक्त हमारे पास हर वो वैक्सीन है जो हमारे पास होनी चाहिए. इनमें से एक वैक्सीन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला आसान नहीं है. हमने यह वैक्सीन कई लोगों को लगायी है सुरक्षा के मद्देनजर हमें सबका ध्यान रखना है, इसके साइड इफैक्ट पर नजर रखना है. हमें यह सब पहले से देख लेना होगा इससे पहले कि हम इस वैक्सीन को दोबारा इस्तेमाल शुरू करें.

अस्ट्राजेनिका वैक्सीन के रोक का फैसला तब लिया गया है जब डेनमार्क में 22 मामले सामने आ गये. ऑस्ट्रिया ने भी इस वैक्सीन पर रोक लगायी है इन्हें कुछ दिन पहले ही वैक्सीन मिली थी इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद 49 साल की एक नर्स की मौत हो गयी जिसके बाद यह फैसला लिया गया.

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भारत में हुआ है उत्पादन लेकिन किसने तैयार की है वैक्सीन 

ऑस्ट्रिया के साथ लिथुआनिया और लक्समबर्ग ने भी इस वैक्सीन की स्पलाई पर रोक लगा दी है लेकिन पूर्ण रूप से प्रतिबंध नहीं किया है. इस वैक्सीन का निर्माण भारत में हुआ है लेकिन इसे स्वीडिश- ब्रिटिश फार्मा कंपनी के तहत यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड ने तैयार किया है. भारत में इसी वैक्सीन को कोविशिल्ड के नाम से जाना जाता है .

इस रोक पर क्या है वैक्सीन बनाने वाली कंपनी की प्रतिक्रिया 

वैक्सीन बनाने वालों ने इस प्रतिबंध पर कहा, हमने फेज 3 में भी इसे अच्छे से जांच है यह कोरोना संक्रमण को खत्म करने में असरदायक है. इसकी सुरक्षा को लेकर भी फेज 3 में पूरी तरह ध्यान दिया गया है . इस शोध में हमने पाया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है. इस वैक्सीन का उपयोग मुख्य रूप से भारत और ब्रिटेन में किया जा रहा है.

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मोदी सरकार ने दिया है 10 करोड़ वैक्सीन का आर्डर 

भारत में दूसरे चरण का वैक्सीनेशन चल रहा है. भारत के लिए मोदी सरकार ने 10 करोड़ वैक्सीन का आर्डर दिया है. इस वैक्सीन के साथ – साथ भारत में देशी वैक्सीन कोवैक्सीन का भी इस्तेमाल कर रहा है. इस वैक्सीन को भारत बॉयोटेक ने बनाया है जिसका इस्तेमाल भारत में हो रहा है.

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