14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Weather Forecast: दशहरा दिवाली में होगी बारिश? चक्रवात के महीने में पड़ रहे हैं त्योहार

त्योहार के मौसम में कैसा रहने वाला है मौसम का हाल ? इस संबंध में लोग जानना चाह रहे हैं. इस बीच खबर है कि अक्टूबर और नवंबर के महीनों को ओडिशा में चक्रवात काल माना जाता है, ऐसे में ओडिशा सरकार ने संभावित आपदा से निपटने के लिए तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं.

Weather Forecast: देश के अधिकांश हिस्सों से मानसून का वापसी हो चुकी है. हालांकि अभी भी कई राज्यों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने कई राज्यों में बारिश का अनुमान जताया है. वहीं, स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले 48 घंटों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा के कुछ हिस्सों के साथ-साथ महाराष्ट्र के कई हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी हो जाएगी. मौसम विभाग का कहना है कि देश के कुछ हिस्सों में आने वाले एक दो दिनों में बारिश हो सकती है. इसी कड़ी में मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, इस कारण 9 और 10 अक्टूबर को मौसम का मिजाज बदल सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, 9 और 10 अक्टूबर को शिमला के मैदानी और मध्य पर्वतीय इलाकों में बारिश और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है.

इसी कड़ी में ओडिशा के भुवनेश्वर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एचआर बिस्वास ने बताया कि 10 अक्टूबर तक दक्षिण पश्चिम मानसून के लौट जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मानसून की वापसी के बाद 45 दिन के भीतर राज्य में बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के लिए मौसम की परिस्थितियां बनती हैं. ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार को आगाह किया है कि 10 अक्टूबर के बाद अगले 45 दिन तक सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि अतीत में अधिकतर चक्रवात इसी अवधि में बने हैं. ऐसे में संभावना है कि कोई चक्रवात बन जाये.

1999 के बाद से 10 बड़े चक्रवात आए

ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) के एक अधिकारी ने कहा कि ओडिशा में 1999 के बाद से 10 बड़े चक्रवात आए हैं और अक्टूबर पूर्वी राज्य के लिए चक्रवात का मौसम है. जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा के तटीय जिलों में 29 अक्टूबर, 1999 को एक महा चक्रवात में लगभग 10,000 लोग मारे गए थे और 11 अक्टूबर, 2013 को चक्रवात फैलिन से भी तटवर्ती क्षेत्र प्रभावित हुए थे. विकास आयुक्त, विशेष राहत आयुक्त, 12 विभाग प्रमुख, भुवनेश्वर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक, महानिदेशक (अग्निशमन सेवा) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं ओडीआरएएफ के प्रमुख बृहस्पतिवार को हुई इस बैठक में शामिल हुए.

प्रशासन अलर्ट
जेना ने राज्य में अतीत में आए चक्रवातों के मद्देनजर संवेदनशील क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए, जिसमें विभागों के बीच सहयोग और समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया गया. उन्होंने निर्देश दिया कि 10 अक्टूबर तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं और सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए. जेना ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए विभागों की पहले से ही एक विशिष्ट एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) है. अब, विभाग प्रमुखों को आपात स्थिति के लिए उनकी जांच और पुन: जांच करनी होगी. विभागों के अधिकारियों को भी संकट के दौरान मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें