चक्रवाती तूफान मोचा सक्रिय हो रहा है. आईएमडी ने कहा कि 8 मई तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में ऊपर की तरफ एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और 9 मई के आसपास ये दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर अधिक दबाव में बदल सकता है. इसके बाद डिप्रेशन तेज होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा जो उत्तर की ओर मध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ेगा.
आईएमडी ने जारी किया अलर्ट: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा तूफान को लेकर कहा कि एक चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पूर्व में बन रही है. इसके प्रभाव से आठ मई तक उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद संभावित चक्रवात के मार्ग और तीव्रता के बारे में जानकारी बाद में उपलब्ध कराई जाएगी. महापात्रा ने कहा कि नौ मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बनने और इसके चक्रवाती तूफान में बदल सकता है.
यमन ने रखा चक्रवात का नाम: बंगाल की खाड़ी में उठने वाले इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘मोचा’ (मोखा) रखा जाएगा, जो यमन की ओस से सुझाया गया नाम है. मौसम कार्यालय ने मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में रविवार से 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी है. मौसम विभाग कार्यालय ने मछुआरों से कहा है कि जो लोग बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में हैं, उन्हें सात मई से पहले और जो लोग बंगाल की मध्य खाड़ी में हैं, उन्हें नौ मई से पहले सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दी जाती है.
भारी बारिश की आशंका: मौसम विभाग ने चक्रवात मोचा के कारण भारी बारिश की आशंका जताई है. मौसम विभाग ने ओडिशा के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के अनुसार बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, कटक और पुरी सहित ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश और आंधी-तूफान आने की चेतावनी जारी की गयी है. बारिश को लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है.
कैसे रखे जाते हैं चक्रवाती तूफानों के नामः मोचा, तितली, गाजा, हुदहुद, निसर्ग, अंफन तूफानों के इन विचित्र नाम सुनकर कई लोगों को अचरज भी होता होगा, लेकिन क्या आप जानते है इन तूफानों का ऐसे विचित्र नाम कैसे रखा जाता है. बता दें, संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग और विश्व मौसम संगठन ने साल 2000 में हिंद महासागर में आने वाले तूफानों को नाम देने देने की एक व्यवस्था बना दी गई है.
ऐसे रखे जाते हैं तूफानों नामः बता दें भारत, मालदीव, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार, ओमान, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन इन देशों ने चक्रवाती तूफानों के नामों की एक लिस्ट तैयार की है. ये देश अल्फाबेट के हिसाब से पहले फिर दूसरे फिर तीसरे क्रम में तूफानों के नामकरण करते हैं. उदाहरण के लिए मान लिया कि पहले चक्रवाती तूफान का नाम भारत ने रखा. दूसरे तूफान को पाकिस्तान फिर तीसरे को श्रीलंका को भारत द्वारा दिए गए नाम के हिसाब से. इस तरह पहले सभी सदस्य तूफानों के नाम रखते हैं, इसके बाद फिर से भारत से यह नामकरण शुरू हो जाएगा. इस बार के तूफान का नाम मोचा है. जिसे यमन ने रखा है.
भाषा इनपुट के साथ