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DDC Election Result 2020 : जनता के दिल में BJP! जम्मू कश्मीर से अलगाववाद की विदाई तय, जानें डीडीसी चुनाव के क्या हैं मायने

Jammu-Kashmir में अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पहली बार चुनाव कराये गये. जिला विकास परिषद (DDC Election Result 2020) चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें गुपकार गठबंधन (Gupkar Alliance) ने कश्मीर घाटी में जबकि BJP ने जम्मू क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने का काम किया है.

J&K DDC Election Result 2020, DDC Chunav News Update: जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) में अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद पहली बार चुनाव कराये गये. यहां खास बात यह रही कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की हिंसा नहीं हुई. जिला विकास परिषद चुनाव (DDC Election Result 2020) के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें गुपकार गठबंधन (Gupkar Alliance) ने कश्मीर घाटी में जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने का काम किया है.

चुनाव में भाजपा के लिए अच्छी खबर आई जिसने कार्यकर्ताओं के बीच एक नई उम्मीद को जन्म दिया. भाजपा ने कश्मीर घाटी में भी अपना खाता खोल लिया है. साथ ही यदि सिर्फ पार्टी की बात करें तो यहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. एक बार अंतिम परिणाम पर नजर डालते हैं, भाजपा को इस चुनाव में कुल 74 सीटें मिली हैं जबकि गुपकार गठबंधन के खाते में 112 सीटें गई हैं. आपको बता दें कि गुपकार गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी सहित कुछ अन्य दल शामिल हैं. चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर वोड डाले गये थे.

लोकतंत्र पर विश्वास : यदि आपको याद हो तो आर्टिकल 35 ए और अनुच्छेद 370 के दौरान और हटाए जाने के बाद कई राजनीतिक दलों के विचार सामने आये थे. उनका मानना था कि यहां कोई भारत का इंडा उठाने वाला नहीं बचेगा. कुछ ने तो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को ही ठुकरा दिया था लेकिन जिस तरह से यहां के लोगों ने वोट कर के लोकतंत्र पर भरोसा जताया है, उससे यह तो स्पष्ट है कि लोगों के भीतर लोकतंत्र प्रेम कूट कूट कर भरा हुआ है.

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भाजपा को चुनाव से क्या मिला: भाजपा के लिए यह परिणाम संजीवनी से कम नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि घाटी में भी भाजपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज करने का काम किया है. पार्टी के खाते में श्रीनगर, पुलवामा और बांदीपोरा की तीन सीटें आईं हैं जो भाजपा के लिए बड़े बदलाव का संकेत दे रहे हैं.

गुपकर का क्या हुआ : इस चुनाव की बात करें तो भाजपा की सीधी जंग सात दलों के गठबंधन गुपकर से हुई. गुपकर अलायंस पर नजर डालें तो इसमें नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस, सीपीआई-सीपीआईएम, आवामी नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट शामिल थी. चुनाव में गुपकर अलायंस को सबसे ज्यादा सीटें प्राप्त हुई है. इस तरह सूबे की राजनीति से अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार के दबदबे को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.

निर्दलीय उम्मीदवारों की बात : इस चुनाव में निर्दलीय भी पीछे नहीं रहे. ये तीसरी सबसे बड़ी ताकत बन कर उभरे हैं. इसी बीच भाजपा की ओर से दावा किया गया है कि सभी निर्दलीय भाजपा पर भरोसा कर रहे हैं. भाजपा के बयान पर नेशनल कॉंफ्रेंस ने कहा कि ऐसा कह कर भाजपा नेताओं की खरीद फरोख्त को बढावा देने में लग गई है. यहां चर्चा कर दें कि निर्दलीयों में उन नेताओं की संख्या ज्यादा है जो अलग-अलग दलों का दामन छोड चुके हैं. इसकी वजह थी कि उन्हें DDC चुनाव में टिकट नहीं दिये गये थे.

जनता ने किसपर किया भरोसा : चुनाव के बाद लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि मतदाताओं ने किसी दल को नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर उतारे गए नेताओं को वोट करने का काम किया है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो लोगों ने स्थानीय मुद्दों और स्थानीय चेहरे पर वोट किया है. ऐसा नहीं है कि उन्होंने किसी पार्टी या किसी गठबंधन को वोट किया है. जानकारों की मानें तो सूबे के सियासत की पूरी तस्वीर आगामी विधानसभा चुनाव में स्पष्ट हो जाएगी.

Posted By : Amitabh Kumar

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