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आर्मी चीफ के साथ लद्दाख जायेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लेंगे सुरक्षा तैयारियों का जायजा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के साथ सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिये पूर्वी लद्घाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ लेह का भी दौरा करेंगे.

नयी दिल्ली: भारत और चीन में जारी सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के साथ सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिये पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ लेह का भी दौरा करेंगे.

तनाव के बीच रक्षा मंत्री का दौरा

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पूर्वी लद्दाख का दौरा करने की खबर ऐसे वक्त में आई है जब तुरंत ही दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता हुई है. जानकारी के लिये बता दूं कि बीते दिनों सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख का दौरा किया था. उन्होंने अपने दौरे के दौरान गलवान घाटी में हिंसक झड़प में घायल हुये बिहार रेजिमेंट के जवानों से भी मुलाकात की थी.

भारत ने बैन किये चीनी मोबाइल एप

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ऐसे वक्त में पूर्वी लद्घाख का दौरा कर रहे हैं जब भारत और चीन के बीच गलवान वैली को लेकर व्यापक पैमाने पर तनाव व्याप्त है. अभी दो दिन पहले ही भारत सरकार ने चीन पर आर्थिक हमला बोलते हुये पॉपुलर टिकटॉक सहित 59 अन्य मोबाइल एप को भारत में बैन कर दिया है.

पूर्वी लद्दाख में सेना बढ़ा रहा है चीन

इस बीच ये जानकारी भी सामने आई है कि चीन लगातार सीमा पर वस्तुस्थिति को बिगाड़ने की कोशिशों में लगा है. जानकारी के मुताबिक चीन ने पूर्वी लद्दाख में पीएलए के 20 हजार सैनिकों की तैनाती की है. वहीं शिनजियांग इलाके में भी 10 हजार सैनिकों की तैनाती की गयी है.

सैन्य-कूटनीतिक स्तर पर वार्ता जारी

भारत भी चीन की प्रत्येक गतिविधि पर करीब से नजर रख रहा है. सीमा विवाद के मसले को सैन्य, रणनीतिक और कूटनीतिक, तीनों स्तरों पर सुलझाने की कोशिशें जारी हैं. कुछ समय पहले भारत के वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि, वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार हैं. भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुये पर्याप्त मात्रा में अपने सैनिकों को चीन सीमा पर तैनात किया है.

मई के पहले सप्ताह से जारी है तनाव

भारत और चीन के बीच हालिया तनाव की शुरुआत मई के पहले सप्ताह में ही हो गयी थी, जब चीन ने सीमा पर भारत द्वारा किये जा रहे सड़क निर्माण सहित कई अन्य आधारभूत संरचना के निर्माण का विरोध किया था. चीन ने साथ ही गलवान घाटी पर अपना दावा जताया था.

तनाव अपनी चरम सीमा पर उस समय पहुंच गया जब 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गयी. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे.

भारत और चीन के बीच हालिया तनाव को देखते हुये रक्षा मंत्री का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. देखना दिलचस्प होगा कि रक्षा मंत्री सहित सेना प्रमुख का ये दौरा, मामले में क्या नया मोड़ लाता है.

Posted By- Suraj Thakur

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