Delhi AQI: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब हो गई है. मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर 500 तक पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, पंजाबी बाग, पूसा, रोहिणी, सोनिया विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, अलीपुर, आनंद विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नरेला, नेहरू नगर और प्रतापगंज जैसे इलाकों में स्थिति बेहद चिंताजनक है.
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और निर्माण कार्य स्थगित करने जैसे उपाय अपनाए गए हैं. बावजूद इसके, प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर, दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने एहतियातन अपनी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में संचालित करने की घोषणा की है.
दिल्ली में खतरनाक प्रदूषण स्तर को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के कार्य समय में बदलाव किया गया है. अब एमसीडी के दफ्तर सुबह 8:30 से शाम 5:00 बजे तक और दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10:00 से शाम 6:30 तक संचालित होंगे. यह निर्णय दफ्तरों के खुलने और बंद होने के समय में अंतर कर प्रदूषण का प्रभाव कम करने के लिए लिया गया है.प्रदूषण के कारण दिल्ली के कई इलाकों में धुंध छाई हुई है, जिससे विजिबिलिटी कम हो गई है और कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सोमवार 18 नवंबर 2024 की सुबह 8 बजे से दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है.
इसके तहत 9वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि 10वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. निर्माण कार्य, डीजल जनरेटर समेत अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
ग्रेप-4 लागू होने से दिल्ली-एनसीआर में कई सख्त पाबंदियां
ट्रकों पर प्रतिबंध: जरूरी सामान और सेवाओं वाले ट्रकों को छोड़कर, अन्य ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बंद. एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-VI डीजल ट्रकों को अनुमति दी जाएगी.
लाइट कमर्शियल वाहनों पर रोक: ईवीएस, सीएनजी और बीएस-VI डीजल के अलावा अन्य वाहनों, जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, सिवाय जरूरी सेवाओं में लगे वाहनों के.
डीजल वाहनों पर पाबंदी: बीएस-IV या इससे पुराने मीडियम और हेवी गुड्स वाहनों (MGV/HGV) का संचालन बंद. जरूरी सेवाओं वाली गाड़ियों को छूट दी गई है.
निर्माण पर रोक: पब्लिक प्रोजेक्ट्स जैसे सड़क, फ्लाईओवर, पाइपलाइन और टेली कम्युनिकेशन निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रहेगा.
स्कूलों पर असर: 6वीं से 9वीं और 11वीं तक की फिजिकल क्लासेस बंद कर ऑनलाइन मोड में शिफ्ट करने का निर्देश.
वर्क फ्रॉम होम: सार्वजनिक, निजी और नगरपालिका कार्यालयों में 50% क्षमता पर काम और शेष कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का विकल्प.
केंद्र सरकार के दफ्तर: कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा पर विचार किया जा सकता है.
अतिरिक्त आपातकालीन उपाय: कॉलेज बंद करना, गैर-जरूरी कमर्शियल गतिविधियों को रोकना और वाहनों के लिए ऑड-ईवन नियम लागू करना जैसे उपाय लागू किए जा सकते हैं.
नागरिक चार्टर: नागरिकों से वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ग्रेप-I, II और III के चार्टर का पालन करने और सहयोग करने की अपील.
स्वास्थ्य पर सलाह: बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह.
ये कदम दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए हैं.