Delhi Election 2025: दिल्ली में चुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी लगातार तेज होती जा रही है. एक बार फिर पूर्वांचली मतदाताओं को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा में टकराव बढ़ गया है. अरविंद केजरीवाल के पूर्वांचली मतदाताओं को लेकर दिए बयान पर भाजपा आक्रामक हो गयी है. कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पूर्वांचलियों की तुलना बांग्लादेशी घुसपैठियों से करने को लेकर बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की थी. लेकिन अरविंद केजरीवाल के गुरुवार को दिए बयान को लेकर भाजपा आक्रामक हो गयी है.
शुक्रवार को पार्टी की ओर से पूर्वांचली मतदाताओं का अपमान करने को लेकर आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. दिल्ली में लगभग 30 फीसदी पूर्वांचली मतदाता है और लगभग दो दर्जन सीटों पर पूर्वांचली मतदाता निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. दिल्ली के बुराड़ी, पटपड़गंज, उत्तम नगर, बदरपुर, लक्ष्मी नगर, मॉडल टाउन, देवली, अंबेडकर नगर, पालम, विकासपुरी, द्वारका जैसी सीटों पर पूर्वांचली मतदाता हार-जीत में अहम भूमिका निभाते रहे हैं.
पिछले दो विधानसभा चुनाव में पूर्वांचली मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान किया है. लेकिन हाल के दिनों में भाजपा ने इस वर्ग को साधने के लिए कई कदम उठाए हैं. जिसके तहत अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने का फैसला अहम है.
गैर पूर्वांचली वोट को साधने के लिए केजरीवाल ने दिया बयान
दिल्ली में भाजपा 27 सालों से सत्ता से दूर है. भाजपा हर वर्ग को साधने की कोशिश में जुटी है. पूर्वांचली मतदाताओं को भाजपा का समर्थन मिलता रहा है. सांसद मनोज तिवारी के तौर पर भाजपा के पास मजबूत पूर्वांचली चेहरा है. आम आदमी पार्टी के पास भले ही ही पूर्वांचली समुदाय के ताल्लुक रखने वाले विधायक अधिक हैं, लेकिन कोई भी मनोज तिवारी के कदम का नहीं है. कोरोना के दौरान पूर्वांचलियों के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ यह वर्ग काफी नाराज है. जानकारों का कहना है कि केजरीवाल ने इस चुनाव को पूर्वांचली बनाम गैर पूर्वांचली बनाने के मकसद से यह बयान दिया है. दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की बढ़ती संख्या को लेकर कई वर्ग नाराज है. केजरीवाल की कोशिश पूर्वांचली मतदाताओं के खिलाफ वर्ग को साधने की है.
ऐसे में रणनीति के तहत यह बयान दिया गया है. वहीं भाजपा को पता है कि पूर्वांचली मतदाता को समर्थन मिला तो वह दिल्ली की सत्ता पर काबिज हो सकती है. ऐसे में चुनाव के बीच भाजपा ने केजरीवाल के बयान के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाना शुरू कर दिया है. दिल्ली में चुनाव की घोषणा के साथ ही पार्टियों के बीच नैरेटिव बनाने और परसेप्शन की लड़ाई तेज हो गयी है. केजरीवाल के बयान को भाजपा पूर्वांचली मतदाताओं के अपमान से जोड़ने की कोशिश कर रही है. इसके लिए पूर्व में केजरीवाल के बयानों का सहारा भी लिया जा रहा है.
भाजपा के आक्रामक रुख को देखते हुए आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि चुनाव में सबसे अधिक पूर्वांचली समुदाय के लोगों को टिकट देने का काम पार्टी ने किया है. देखना होगा कि चुनाव में पूर्वांचली मतदाता किसे प्राथमिकता देते हैं.