नयी दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने भारत के ड्रग कंट्रोलर (DCGI) के द्वारा दिये गये भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के 2 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों पर ट्रायल की अनुमति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 15 जुलाई तक जवाब मांगा है. अदालत DCGI द्वारा दी गयर क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति को रद्द करने के लिए एक जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई कर रहा था.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र और भारत बायोटेक को नोटिस जारी कर याचिका पर 15 जुलाई तक अपना पक्ष रखने को कहा है. अदालत ने याचिकाकर्ता संजीव कुमार की ओर से दिये गये याचिका के संदर्भ में इस मामले पर कोई भी अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. 15 जुलाई को केंद्र सरकार और डीसीजीआई के पक्ष के बाद इस पर सुनवाई की संभावना है.
बता दें कि भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से एक कोरोना वैक्सीन विकसित की है. इस टीके का इस्तेमाल अभी पूरे देश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों पर किया जा रहा है. देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बीच छोटे बच्चों में भी संक्रमण के मामले दर्ज किये जा रहे हैं. ऐसे में भारत बायोटेक कोवैक्सीन का ने 2 से 18 साल वर्ग के लोगों पर भी इसका ट्रायल शुरू करने की अनुमति मांगी है.
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उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने मंगलवार को कहा था कि 10 से 12 दिनों के अंदर देश में 2 से 18 साल के लोगों के लिए कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जायेगा. डीसीजीआई ने भारत बायोटैक के कोवैक्सीन के फेज 2 और 3 के ट्रायल को मंजूरी दे दी है. अभी देश में 18 साल से ऊपर के लोगों को यह वैक्सीन लगायी जा रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया जायेगा. इन्हें भी टीके की पहली खुराक देने के 28 दिन के अंतर पर दूसरी खुराक लगायी जायेगी. याचिका में संजीव कुमार ने संदेह जाहिर किया है कि ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों को टीका लगने से उनके स्वास्थ्य या मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों को स्वयंसेवक नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वे ट्रायल से उन पर पड़ने वाले परिणाम को समझने के सक्षम नहीं हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.