कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे देश में तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस वायरस के संक्रमण से राजधानी दिल्ली बुरी तरह से प्रभावित है. इसी बीच हाई कोर्ट ने शुक्रवार को 30 जून तक लॉकडाउन लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहें हैं जिसने सरकार के साथ-साथ लोगों की भी चिंता बढा दी है. इसी को लेकर 30 जून तक लॉकडाउन लगाने की मांग कोर्ट में की गयी थी जिसे खारिज कर दिया गया.
इधर, कोविड-19 को इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी करार देते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह ‘युद्ध जैसी स्थिति’ है और दिल्ली सरकार जरूरतों की पूर्ति के लिए और डॉक्टरों एवं चिकित्साकर्मियों को अपने साथ लाने के लिए हर तरीका आजमाएगी. संक्रमण के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बड़े लक्षणों वाले मरीजों, जिनमें संक्रमण की पुष्टि भी नहीं है, को भर्ती किया जाना है. उन्होंने कहा कि इन मुख्य लक्षणों में बेचैनी, प्रति मिनट 24 की श्वसन दर और ऑक्सीजन संतृप्तता या 93 फीसद या उससे कम एसपीओ 2 स्तर शामिल हैं.
जैन ने आने वाले सप्ताहों में बेड की अनुमानित जरूरत पर कहा कि मामले बहुत बढ़ने की स्थिति को ध्यान में रखकर बैंक्वेट हॉल और स्टेडियमों का इस्तेमाल करने की तैयारी की जा रही है और यह बड़े पैमाने पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 1918 में दुनिया ने स्पेनिश फ्लू देखा जो 1920 तक रहा। कोरोना वायरस इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है.
Delhi High Court dismisses public interest petitions seeking lockdown till June 30. #COVID19 pic.twitter.com/q7YgCctuoj
— ANI (@ANI) June 12, 2020
दिल्ली के भाजपा शासित नगर निगमों के वरिष्ठ नेताओं ने दावा किया है कि यहां कोविड-19 से 2000 से अधिक लोगों की मौत हुई है जबकि आधिकारिक आंकड़ा बुधवार तक 984 था. इस दावे पर दिल्ली सरकर ने कहा कि कोविड-19 मृत्यु समिति ‘निष्पक्ष ढंग से काम’ कर रही है और यह आरोप-प्रत्यारोप का नहीं, बल्कि मिलकर काम करने का समय है.’ यहां सिविक सेंटर में संवाददाता सम्मेलन में उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह, पूर्वी दिल्ली की महापौर अंजू कमलकांत और एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी की स्थायी समितियों के अध्यक्षों ने इस कोरोना वायरस महामारी के वक्त निगमों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियां मीडिया से साझा कीं.